कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर कहर की बात गलत, डॉ गुलेरिया ने ऐसी स्टडी से किया इनकार
Corona Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर कहर की आशंकाओं को एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने खारिज कर दिया है.
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर कहर की आशंकाओं को डॉ रणदीप गुलेरिया ने खारिज कर दिया है. (फोटो: PTI)
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर कहर की आशंकाओं को डॉ रणदीप गुलेरिया ने खारिज कर दिया है. (फोटो: PTI)
Corona Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर कहर की आशंकाओं को एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि कहा कि किसी भारतीय या ग्लोबल स्टडी में ऐसी बात नहीं कही गई है कि बच्चों पर ज्यादा असर हो रहा है. यहां तक कि दूसरी लहर में भी जो बच्चे संक्रमित हुए, उनमें मामूली लक्षण थे. उन्होंने कहा कि, मैं नहीं मानता कि भविष्य में भी बच्चों पर कोरोना का कोई गंभीर असर होगा.
बता दें कि कई एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर में बच्चों पर असर की आशंका जताई है ऐसे में एम्स के निदेशक की ओर से ऐसी आशंकाओं को खारिज किया जाना बड़ी राहत देने जैसा है.
तीनों टीकों का असर लगभग बराबर
वहीं रणदीप गुलेरिया ने कोविड-19 के टीकों की अलग-अलग क्षमताओं के बारे में अफवाहों के बीच कहा है कि अब तक अवेलबल आंकड़े साफ तौर से दिखाते हैं कि सभी टीके, चाहे कोवैक्सीन हो, कोविशील्ड या स्पुतनिक वी का असर लगभग बराबर है. भारत में अवेलबल ये टीके एंटीबॉडी के उत्पादन या हाई सीरो पॉजिटिविटी रेट के संदर्भ में बराबर असरदार हैं. उन्होंने कोविड-19 के बारे में लोगों की विभिन्न शंकाओं का समाधान करते हुए कहा कि, हमें यह नहीं कहना चाहिए कि यह टीका या वह टीका. जो भी टीका आपके एरिया में अवेलबल है उसे लगवाएं, जिससे आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे.
No data, global or Indian, has had any observations of children being affected more. Even in the 2nd wave kids who were infected had mild illness or co-morbidities. I don't think we will have a serious infection in children in the future: Dr Randeep Guleria, AIIMS Director pic.twitter.com/q4w7ceurDr
— ANI (@ANI) June 8, 2021
वैक्सीन से कई तरह की सुरक्षा
एम्स निदेशक ने कहा कि टीके कई तरह की सुरक्षा देते हैं, जैसे एंटीबॉडी, सेल-मध्यस्थता प्रतिरक्षा और मेमोरी सेल (जो हमारे संक्रमित होने पर अधिक एंटीबॉडी उत्पन्न करते हैं). डॉ गुलेरिया ने कहा कि, अब तक जो प्रभावकारी परिणाम आए हैं, वे ट्रायल स्टडीज पर आधारित हैं, जहां प्रत्येक ट्रायल का स्टडी डिजाइन कुछ अलग है.
वहीं नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल ने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ लोग टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी टेस्ट कराने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन सिंपल फैक्टस के लिए ऐसा करने की जरूरत नहीं है. अकेले एंटीबॉडी किसी व्यक्ति की इम्यूनिटी का संकेत नहीं देते हैं.
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09:46 PM IST