चांद पर आज फतह नहीं मिली तो होगी बड़ी मुश्किल! ISRO को जीरो से करनी होगी शुरुआत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम को तलाशने के लिए पूरी जान लगा दी है. वैज्ञानिक दिन-रात हर मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं. ऑर्बिटर ढंग से काम कर रहा है और पल-पल का अपडेट दे रहा है.
चंद्रयान 2 मिशन का मकसद विक्रम की खोज से ही पूरा होगा. (ISRO.gov.in)
चंद्रयान 2 मिशन का मकसद विक्रम की खोज से ही पूरा होगा. (ISRO.gov.in)
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम को तलाशने के लिए पूरी जान लगा दी है. वैज्ञानिक दिन-रात हर मूवमेंट पर नजर रख रहे हैं. ऑर्बिटर ढंग से काम कर रहा है और पल-पल का अपडेट दे रहा है. ISRO अपने डीप स्पेस नेटवर्क (DSN) के जरिए विक्रम को लगातार सिग्नल भेज जा रहा है. लेकिन आज अगर विक्रम का पता नहीं चला तो ISRO के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. उसे चंद्रमा की सतह पर दोबारा लैंडर को लॉन्च करना पड़ेगा, तभी चंद्रयान 2 मिशन का मकसद पूरा होगा.
विक्रम लैंडर से संपर्क करने के लिए नासा भी इसरो की मदद कर रहा है. इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) विक्रम को रेडियो सिग्नल भेज रही है. लेकिन आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है. आज अगर विक्रम से संपर्क नहीं हुआ तो वह फिर उससे कभी भी ढूंढा नहीं जा सकेगा.
चंद्रयान 2 : कब क्या हुआ
1) 7 सितंबर की सुबह हार्ड लैंडिंग के साथ चंद्रमा की सतह पर पहुचे लैंडर से संपर्क दोबारा साधने की कोशिशों को अब तक कोई कामयाबी नहीं.
2) चंद्रमा के एक दिन की अवधि धरती के 14 दिन के बराबर. खगोलशास्त्रियों के अनुसार सूर्य की रोशनी खत्म होने वाली है. आज दोपहर बाद पूरी तरह अंधकार में डूब जायेगा चंद्रमा का दक्षिण धुव्र.
3) इसरो ने विक्रम लैंडर के काम करने की निर्धारित अवधि पहले 14 दिन तय की थी.
#Chandrayaan2 Orbiter continues to perform scheduled science experiments to complete satisfaction. More details on https://t.co/Tr9Gx4RUHQ
— ISRO (@isro) 19 September 2019
Meanwhile, the National committee of academicians and ISRO experts is analysing the cause of communication loss with #VikramLander
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4) अब सारा फोकस ऑर्बिटर पर है. अपने सभी निर्धारित लक्ष्य को इसरो ऑर्बिटर द्वारा करेगा हासिल.
5) ऑर्बिटर पूरी तरह कर रहा काम
6) ऑर्बिटर में लगे सभी 8 पेलोड पूरी तरह से एक्टिव, लगातार कर रहे है योजना के अनुरूप काम.
7) ऑर्बिटर पर लगे हैं हाई रिजॉल्यूशन कैमरे. अब तक कि बेहतरीन तकनीक से लैस.
21 सितंबर तक होगी कोशिश
इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि चंद्रमा के विक्रम के साथ संचार लिंक फिर से स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. यह प्रयास 21 सितंबर तक किए जाएंगे, जब सूरज की रोशनी उस क्षेत्र में होगी, जहां विक्रम उतरा है. इसरो बेंगलुरु के पास बयालालू में अपने भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क (IDSN) के जरिए विक्रम के साथ संचार स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.
टायली ने खोजी थी वैदर सैटेलाइट
खगोलविद स्कॉट टायली ने भी बीते दिनों ट्वीट कर विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित होने की प्रबल संभावना जताई है. टायली ने 2018 में अमेरिका के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को ढूंढ निकाला था. यह इमेज सैटेलाइट नासा द्वारा 2000 में लॉन्च की गई थी, जिसके 5 साल बाद इससे संपर्क टूट गया था.
01:29 PM IST