किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए मोदी सरकार ने तैयार किया प्लान
कृषि उत्पादों का मौजूदा निर्यात 22 हजार करो़ड़ रुपये है, जिसे बढ़ाकर 50 हजार करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है.
नई पॉलिसी के जरिये कृषि उत्पाद बाजार समिति एक्ट (APMC act) में सुधार का प्रयास करना भी है.
नई पॉलिसी के जरिये कृषि उत्पाद बाजार समिति एक्ट (APMC act) में सुधार का प्रयास करना भी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक होने जा रही है. चर्चा है कि इस बैठक में एग्रो एक्सपोर्ट पॉलिसी को हरी झंडी दिखा दी जाएगी. वाणिज्य मंत्रालय ने प्रस्तावित पॉलिसी पर मुहर के लिए कैबिनेट को भेज दिया है. इस पॉलिसी के जरिये ग्लोबल मार्केट में एग्री एक्सपोर्ट को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य किसानों की आमदनी को बढ़ाना है.
आगामी 6 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक होने जा रही है. इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. वैसे तो इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, लेकिन कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से एग्रो एक्सपोर्ट पॉलिसी को लेकर होने वाले फैसले पर सभी की निगाहें गढ़ी हैं.
निर्यात को बढ़ावा देने पर
कुछ समय पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने संकेत दिए थे कि मंत्रिमंडल अगले कुछ दिनों में कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दे सकता है. कृषि निर्यात नीति के मसौदे क्षेत्र के बारे में कई सिफारिशें की गई हैं. इनमें स्थिर व्यापार नीति व्यवस्था, एपीएमसी अधिनियम में सुधार, मंडी शुल्क को सुव्यवस्थित बनाने और भूमि पट्टे पर देने के मानदंडों का उदारीकरण जैसी कुछ सिफारिशें शामिल हैं.
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सुरेश प्रभु ने कहा था कि कृषि निर्यात नीति तैयार कर ली गई है, अगले कुछ दिनों में इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल जानी चाहिए क्योंकि समय खपाने वाले अंतर-मंत्रालयी परामर्श, पहले ही काफी आगे बढ़ चुके हैं और एक बार ऐसा होने के बाद काफी बड़े अवसर सामने आ सकते हैं.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि अब जोर देश से निर्यात को बढ़ावा देने पर है और इस बात पर भी जोर है कि न केवल बड़े बाजारों में बल्कि उन क्षेत्रों में अवसरों की पहचान करना है जहां तत्काल अवसर सुलभ हैं. मसौदा नीति में राज्यों की व्यापक भागीदारी, बुनियादी ढांचे और उपस्कर में सुधार, और उभरते बाजारों के लिए नए उत्पादों के विकास के मकसद से शोध एवं विकास (आरएंडडी) गतिविधियों को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के सहयोग से कृषि उत्पादों की क्षति को रोका जा सकता है. एक आंकड़े के मुताबिक कृषि उपज का 30 फीसद हिस्सा प्रसंस्करण के अभाव में सड़ अथवा नष्ट हो जाता है. आने वाली नई निर्यात नीति से उसका संरक्षण किया जा सकता है.
बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि कृषि आय को बढ़ाने के लिए जल्द ही एक नई कृषि निर्यात नीति लाई जाएगी. क्योंकि सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने की राह पर अग्रसर है.
कृषि उत्पाद बाजार समिति एक्ट
राष्ट्रीय कृषि निर्यात नीति किसानों की आमदनी को दोगुना करने तथा कृषि निर्यात के वर्तमान 30 अरब अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी को वर्ष 2022 तक बढ़ाकर 60 अरब अमेरिकी डॉलर तक करने के दृष्टिकोण के अनुरूप तैयार की गई है. इसका लक्ष्य उच्च मूल्य और मूल्यवर्धित कृषि निर्यात को बढ़ावा देना है और कृषि उत्पादों का निर्यात करने वाले शीर्ष 10 निर्यातक देशों में शामिल होना है. साथ ही फार्म प्रोडक्ट के लिए एक्सपोर्ट की दिक्कतों को दूर करने और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का टारगेट भी इस पॉलिसी में रखा गया है. इस पॉलिसी में प्रोसेस्ड एग्रो उत्पाद को न्यूनतम एक्सपोर्ट मूल्य के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव भी है.
नई पॉलिसी के जरिये कृषि उत्पाद बाजार समिति एक्ट (APMC act) में सुधार का प्रयास करना भी है.
कृषि निर्यात जोन
वैश्विक बाजार में भारत की कृषि निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए जैविक कृषि उत्पादों की पैदावार में वृद्धि पर जोर होगा. प्रस्तावित विशेष कृषि निर्यात जोन को देश के विभिन्न बंदरगाहों और हवाई अड्डों से जोड़ा जाएगा. राष्ट्रीय कृषि निर्यात नीति के मसौदे में इसे शामिल करते हुए कृषि में जैविक उत्पादों को विशेष प्रोत्साहन किया जाएगा. भारत को जैविक कृषि उत्पादों का केंद्र बनाने की योजना है, जिसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में परंपरागत खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.
04:59 PM IST