इस राज्य में बच्चों में बढ़ रहा है कैंसर का खतरा! AIIMS की रिपोर्ट के आंकड़ों में हुआ खुलासा, जानिए वजह
Cancer Cases in Delhi: कैंसर के फिर से लौटने का खतरा भी जीवन भर सताता है सो अलग. आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के बच्चों में कैंसर के मामले ज्यादा देखने में आ रहे हैं, क्यों हो रहा है ऐसा और आप कैसे कैंसर के लक्षणों को पहचान सकते हैं.
Cancer Cases in Delhi: कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम ही बुरा है. कई कैंसर लाइलाज हैं तो जिनके इलाज मौजूद हैं वो इतने महंगे, लंबे और शरीर को तोड़ कर रख देने वाले इलाज हैं कि मरीज के लिए सेहतमंद महसूस करना चुनौती हो जाता है. कैंसर के फिर से लौटने का खतरा भी जीवन भर सताता है सो अलग. आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के बच्चों में कैंसर के मामले ज्यादा देखने में आ रहे हैं, क्यों हो रहा है ऐसा और आप कैसे कैंसर के लक्षणों को पहचान सकते हैं. इस आर्टिकल में इन सभी सवालों के जरूरी जवाब जान लें.
बच्चों में कैंसर के मामले बढ़ रहे
7 साल का दिव्यांशु दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की ओपीडी में अपने पिता की गोदी में सुरक्षित महसूस करता है लेकिन ये इन माता पिता का दिल ही जानता है कि इस बच्चे को सही सलामत रखने के लिए इन्होंने क्या कुछ नहीं किया. दिव्यांशु के पिता प्रकाश के मुताबिक कई अस्पताल बदलने के बाद जांच में पता चला कि इस मासूम को ब्लड कैंसर है. हालांकि अब वो रिकवर कर रहा है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
Intraday में बनेगा तगड़ा पैसा! पोर्टफोलियो में रख लें ये 5 शेयर, एक्सपर्ट ने बताया टारगेट और स्टॉप लॉस
भारत में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च कैंसर के आंकड़ें जमा करती हैं. आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल औसतन 14 लाख कैंसर मरीज बढ़ जाते हैं जिनमें से 8 लाख की मौत हो जाती है. कुल कैंसर के मामलों में से 4 प्रतिशत कैंसर बच्चों के पाए जाते हैं लेकिन राजधानी के आंकड़े और खराब हैं.
हर साल जुड़े रहे इतने मरीज
एम्स कैंसर सेंटर और एम्स नैशनल कैंसर इंस्टिट्यूट (झज्जर) के डाटा के मुताबिक दिल्ली में हर साल कैंसर के लगभग 21538 मामले मिलते हैं, जिसमें 11435 पुरुष और 10103 महिलाओं में कैंसर पाया गया है. 0 से 14 साल की उम्र के बीच देश में सबसे ज्यादा कैंसर के मामले दिल्ली में पाए गए हैं. दिल्ली में बच्चों के कैंसर के मामले 4 प्रतिशत पाए जाते हैं. जबकि बाकी देश में ये 2–3 प्रतिशत तक देखे जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें: कॉल-ड्रॉप, स्लो इंटरनेट पर सख्ती की तैयारी में TRAI; 5G के लिए लाए जाएंगे क्वालिटी ऑफ सर्विसेज के नियम
हालांकि इसकी एक बड़ी वजह डॉ ये भी मान रहे हैं कि दिल्ली में कैंसर का इलाज बाकी शहरों से बेहतर है और बहुत लोग दिल्ली आकर इलाज करवाते हैं, इसलिए दिल्ली के आंकड़े बाकी सब जगह से ज्यादा हैं. एम्स के कैंसर डिपार्टमेंट के डॉक्टर एस वी एस देव के मुताबिक दिल्ली में बच्चों के कैंसर के मामलों में बढोतरी देखी गई है.
जेनेटिक मामले ज्यादा देखने को मिल रहे
बच्चों में कैंसर के ज्यादातर मामले जेनेटिक देखने में आ रहे हैं, यानी कैंसर उन्हें विरासत में मिल रहा है. सबसे ज्यादा ब्लड कैंसर के मामले देखने में आ रहे हैं. इसके बाद ब्रेन ट्यूमर के मामले देखे जा रहे हैं. हालांकि अच्छी बात ये है कि बच्चों में कैंसर के 90 प्रतिशत मामले पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, बशर्ते उन्हें वक्त रहते पकड़ा जा सके.
ये भी पढ़ें: Air India-Airbus-Boeing Deal: 470 विमानों के साथ आएगी 6,500 से ज्यादा पायलटों की जॉब, जानिए पूरी डीटेल
हर 9 में से 1 कैंसर का पीड़ित
गंगाराम अस्पताल के कैंसर रोग एक्सपर्ट डॉ मानस कालरा के मुताबिक अगर बच्चे को बिना वजह बार बार बुखार आ रहा है, बच्चा कमजोर होता जा रहा है या उसको गले में या पेट में गांठ जैसा महसूस होता है तो उसकी समय पर जांच होना बहुत जरुरी है.
बच्चा कमजोरी की वजह से चल नहीं पा रहा हो, पीलेपन का शिकार हो, हडिडयां कमजोर हो, लंबे समय तक बच्चे को सिरदर्द हो, या उसकी आंखों में बदलाव दिखे, जैसे भैंगापन तो ऐसे लक्षणों को इग्नोर ना करें. जल्द पकड़ में आने से कैंसर पूरी तरह ठीक हो सकता है. पुरुषों में फेफड़ों का कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर तेज़ी से बढ़ रहे हैं. भारत में हर 9 में से एक व्यक्ति को कभी ना कभी कैंसर होने का खतरा बना हुआ है.
04:50 PM IST