इस बार कड़वी हो सकती है चीनी, खराब मौसम से गन्ने की पैदावार पर असर
गन्ने की फसल खराब होने के कारण एक अक्टूबर से शुरू हो रहे शुगर सीजन 2019-20 में देशभर में चीनी के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 20 फीसदी की गिरावट रहने का अनुमान है.
महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 2019-20 में 55 लाख टन रहने का आकलन किया है, जबकि पिछले साल 2018-19 में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 107 लाख टन था.
महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 2019-20 में 55 लाख टन रहने का आकलन किया है, जबकि पिछले साल 2018-19 में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 107 लाख टन था.
इस साल चीनी का बंपर उत्पादन (sugar production) हुआ. मौसम (Weather) की मेहरबानी से गन्ने की फसल (sugarcane crop) अच्छी हुई और इसका सीधा असर चीनी उत्पादन पर देखने को मिला. लेकिन आने वाले समय में यह गणित उल्टा होने के आसार हैं. महाराष्ट्र (Maharashtra) और कर्नाटक (Karnataka) में गन्ने की फसल खराब होने के कारण एक अक्टूबर से शुरू हो रहे शुगर सीजन 2019-20 में देशभर में चीनी के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 20 फीसदी की गिरावट रहने का अनुमान है.
नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (NFCSF) आगामी पेराई सत्र 2019-20 में देशभर में 263 लाख टन चीनी (Sugar) का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है.
एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने बताया कि देश का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में गन्ने की फसल को बाढ़ और सूखा के कारण भारी नुकसान हुआ है जिसके कारण प्रदेश में आगामी पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन पिछले साल से तकरीबन 50 फीसदी कम रह सकता है.
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एनएफसीएसएफ ने अपने ताजा अनुमान में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 2019-20 में 55 लाख टन रहने का आकलन किया है, जबकि पिछले साल 2018-19 में महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 107 लाख टन था.
आधा महाराष्ट्र (मराठावाड़ा क्षेत्र) सूखे की चपेट में है, वहीं, प्रदेश के पश्चिमी गन्ना उत्पादक क्षेत्र कोल्हापुर, सांगली, सतारा और इचलकरंजी में बाढ़ के कारण फसल खराब हो गई है. कर्नाटक में भी सूखा और बाढ़ के कारण गन्ने की फसल खराब होने की रिपोर्ट है.
एनएफसीएसएफ ने देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में आगामी सीजन में 118 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है. एनएफसीएसएफ के मुताबिक, अगले सीजन 2019-20 में कर्नाटक में 33 लाख टन, गुजरात में 10 लाख टन, बिहार में आठ लाख टन, पंजाब में सात लाख टन और हरियाणा में भी सात लाख टन चीनी का होने का अनुमान है.
आगामी पेराई सीजन 2019-20 में तमिलनाडु में आठ लाख टन, जबकि आंध्रप्रदेश में पांच लाख टन, मध्यप्रदेश में 4.5 लाख टन और उत्तराखंड में चार लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है. उद्योग संगठन ने तेलंगाना में 2.5 लाख टन और अन्य राज्यों में एक लाख टन चीनी का उत्पादन होने का आकलन किया है.
इस प्रकार एनएफसीएसएफ के अनुसार, आगामी शुगर सीजन में देशभर में चीनी का कुल उत्पादन 263 लाख टन होने का अनुमान है. इससे पहले अगस्त में नाइकनवरे ने बताया था कि चालू सीजन 2018-19 में देश में 330 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि अगामी सीजन 2019-20 में चीनी का उत्पादन 285 लाख टन रह सकता है.
एनएफसीएसएफ प्रबंध निदेशक ने बताया कि 30 सितंबर 2019 को समाप्त हो रहे शुगर सीजन में भारत ने 38 लाख टन चीनी का निर्यात किया है, बचा हुआ स्टॉक 145 लाख टन है, जोकि अब तक का सबसे बड़ा कैरीफॉर्वर्ड स्टॉक है.
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इस प्रकार, एनएफसीएसएफ के ताजा अनुमान क अनुसार, अगले सीजन 2019-20 में देश में चीनी की कुल सप्लाई 408 लाख टन रह सकती है जिसमें 145 लाख टन कैरीफॉर्वर्ड स्टॉक और 263 लाख टन उत्पादन के आंकड़े शामिल हैं.
उद्योग संगठन के अनुसार, देश में आगामी सीजन में 260 लाख टन चीनी की खपत हो सकती है और अगर 60 लाख टन चीनी का निर्यात होता है तो सीजन के आखिर में बचा हुआ स्टॉक 88 लाख टन रहेगा.
पिछले महीने अगस्त में सरकार ने आगामी सीजन के लिए 60 लाख टन चीनी के अधिकतम स्वीकार्य निर्यात परिमाण (एमएईक्यू)पर चीनी मिलों को कुल 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी देने का फैसला लिया था.
07:30 PM IST