Exclusive: भारतीय करेंसी में क्यों है गिरावट? बाकी करेंसी के मुकाबले रुपया कितना बेहतर? जानिए RBI गवर्नर की राय
RBI Governor with Anil Singhvi: सवाल यह है कि क्या रिजर्व बैंक रुपये के मौजूदा लेवल पर कम्फर्टेबल है. RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी को हिंदी में दिए इंटरव्यू में इस मुद्दे पर विस्तार से अपनी राय रखी.
RBI Governor with Anil Singhvi: डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 80 के लेवल को पार कर गया है. इसका मतलब कि 1 डॉलर की वैल्यू 80 रुपये से ज्यादा हो गई है. कई लोगों का मानना है कि भारतीय इकोनॉमी जिस स्थिति में है, उसे देखते हुए रुपया बेहतर होना चाहिए. हालांकि, इसके कुछ फायदे भी हैं, नुकसान भी हैं. अब सवाल यह है कि क्या रिजर्व बैंक रुपये के मौजूदा लेवल पर कम्फर्टेबल है. RBI गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी को हिंदी में दिए इंटरव्यू में इस मुद्दे पर विस्तार से अपनी राय रखी. आइये जानते हैं...
RBI गवर्नर शक्तिकांता दास का कहना है कि रुपया बेहतर होना चाहिए, इसके दो मतलब हैं. इम्पोर्टर्स के नजरिए से देखें, तो वो चाहते हैं कि रुपया हमेशा मजबूत रहे. एक्सपोर्टर चाहते हैं कि रुपया थोड़ा कमजोर हो जाए, जिससे शायद उन्हें ज्यादा इनकम आ जाए. इसका मतलब कि रुपये का बेहतर इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां से उसको देख रहे हैं.
उन्होंने कहा, केंद्रीय बैंक के नजरिए से हमको यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि रुपये का जो एक्सचेंज रेट है, वो मजबूत हो रहा है या कमजोर, दोनों दिशा में यह स्थिर और व्यवस्थित रहना चाहिए. उतार-चढ़ाव ज्यादा न हो और स्थिरता बनी रहे. रुपये की वैल्यू बढ़ रही हो या घट रही है, वो धीरे-धीरे होनी चाहिए. यानी, एक व्यवस्थित रूप में होना चाहिए.
डॉलर की मजबूती से रुपया कमजोर
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उनका कहना है, इसमें हमें दो बिंदुओं को देखना जरूरी है. अगर रुपये को बाकी करेंसीज खासकर एडवांस देशों, जिसमें ब्रिटेन का पाउंड और यूरोजोन का यूरो शामिल है, के मुकाबले देखते हैं, तो रुपये में ज्यादा डिप्रिसिएशन नहीं हुआ है. दूसरी बात यह कि अभी जो रुपये का डिप्रिसिएशन हो रहा है, उसकी मुख्य वजह यह है कि डॉलर एप्रिसिएट हो रहा है. यानी, डॉलर में मजबूती आ रही है. उसके चलते रुपया कमजोर हो रहा है.
गवर्नर का कहना है, इन सबके बीच देखें तो रुपया मजबूत रहा है. उसके दो कम्पोनेंट हैं. एक तो हमारा रिजर्व है और दूसरा मैक्रो इकोनॉमिक फंडामेंटल हैं. भारत के मैक्रो इकोनॉमिक फंडामेंटल्स काफी मजबूत हैं. इसका मतलब कि हमारा एक्सचेंज रेट प्वाइंट को दशार्ता है.
RBI गवर्नर शक्तिकांता दास का #EXCLUSIVE हिंदी इंटरव्यू
— Zee Business (@ZeeBusiness) September 2, 2022
✨#Rupee को लेकर RBI गवर्नर की राय
🇮🇳रुपए की स्थिति बाकी करेंसी के मुकाबले कितनी बेहतर?
रुपए में गिरावट की क्या है वजह?
देखिए @AnilSinghvi_ के साथ
पूरा इंटरव्यू👉https://t.co/L4gNUuTpyH@RBI @DasShaktikanta pic.twitter.com/yVMWXP6E9o
03:19 PM IST