RBI के इस प्लान से फिर सुधर सकता है शेयर बाजार, जानिए क्या है योजना
कोरोनावायरस (Coronavirus) के कहर के कारण दुनियाभर के शेयर बाजार को बड़ा धक्का लगा है. ऐसे में RBI ने एक और प्लान तैयार किया है.
कोरोनावायरस (Coronavirus) के कहर के कारण दुनियाभर के शेयर बाजार को बड़ा धक्का लगा है. ऐसे में RBI ने एक और प्लान तैयार किया है. वह बाजार में स्थिरता बनाये रखने के लिए बांड की खरीद बिक्री के जरिये अगले हफ्ते बाजार में 30,000 करोड़ रुपये की नकदी डालेगा.
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि आरबीआई खुली बाजार गतिविधियों के जरिये सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद-फरोख्त की व्यवस्था करेगा. यह खरीद 30,000 करोड़ रुपये की होगी और दो किस्तों में की जाएगी. यह खरीद 15,000-15,000 रुपये की इसी महीने में होगी.
बयान के मुताबिक नीलामी 24 मार्च और 30 मार्च को होगी. RBI ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते कुछ फाइनेंशियल मार्केट में स्थिति अब भी गंभीर और तंग बनी हुई है. ऐसा करके सभी बाजार खंड पर्याप्त नकदी और कारोबार के साथ सामान्य रूप से काम करें, यह सुनिश्चित करना है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को खुले बाजार गतिविधियों के जरिये 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली. केंद्रीय बैंक 19 दिसंबर 2022 को मैच्योर होने वाली प्रतिभूतियों पर 6.84 प्रतिशत, 25 मई 2025 को मैच्योर होने वालों पर 7.72 प्रतिशत, नौ जुलाई 2026 को मैच्योर होने वाली प्रतिभूतियों पर 8.33 प्रतिशत और 14 जनवरी 2029 को मैच्योर होने वाली प्रतिभूतियों पर 7.26 प्रतिशत ब्याज देगा.
इससे पहले, सोमवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा था कि नियामक के पास पर्याप्त नीतिगत उपाय हैं और वह अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से निकालने के लिये जरूरत पड़ने पर हर संभव कदम उठाने को तैयार है.
बता दें कि रिजर्व बैंक ने बाज़ारों में बड़ी बिकवाली के बीच डॉलर की भारी मांग को देखते हुए 6 महीने के रुपए-डॉलर के खरीद और बिक्री वाले स्वैप का ऐलान किया है. इसका मतलब यह है कि रिजर्व बैंक 6 महीने के लिए बैंकों को 200 करोड़ डॉलर बेचेगा और बाद में तय भाव पर उतने ही डॉलर की बैंकों से खरीद करेगा. इससे सिस्टम में डॉलर की किल्लत दूर होगी. वापस खरीद की शर्त से बैंक का डॉलर रिजर्व भी बना रहेगा.
03:21 PM IST