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साल 2013-14 से 2018-19 तक हर साल 3 से 5 मिलियन टन पोटाश का आयात किया जा रहा है और पोटाश की मांग 6-7 फीसदी प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है.
जमीन के अंदर करीब 200 से 300 मीटर गहराई पर करीब 2500 मिलियन टन पोटाश (potash) के भंडार होने की बात सामने आई है.
जमीन के अंदर करीब 200 से 300 मीटर गहराई पर करीब 2500 मिलियन टन पोटाश (potash) के भंडार होने की बात सामने आई है.
राजस्थान (Rajasthan) में क्रूड ऑयल (Crude Oil) के बाद अब पोटाश (potash) के भारी भंडार मिले हैं. देश में अब तक शतप्रतिशत पोटाश (potash)का आयात किया जाता रहा है. राजस्थान के नागौर और बीकानेर जिलों में इसके भंडार मिले हैं. बीकानेर से नागौर रोड पर 8 प्वाइंट्स पर पिछले कई सालों से जीएसआई और उसकी सहयोगी कंपनी एमईएसएल काम कर रही थी. पोटाश का सबसे ज्यादा उत्पादन बेलारूस में होता है.
जमीन के अंदर करीब 200 से 300 मीटर गहराई पर करीब 2500 मिलियन टन पोटाश (potash) के भंडार होने की बात सामने आई है. प्रदेश में पोटाश (potash) की सोल्यूशन माइनिंग की जाएगी. इस तरह की माइनिंग जर्मनी और कनाड़ा में होती है.
करीब 500 मीटर जमीन के अंदर पोटाश (potash) को बोरवेल कर पानी और सोल्यूशन के माध्यम से घुलनशील बनाया जाएगा. इसके बाद इसे निकाला जाएगा.
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राजस्थान (Rajasthan) के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया कि साल 2013-14 से 2018-19 तक हर साल 3 से 5 मिलियन टन पोटाश का आयात किया जा रहा है और पोटाश की मांग 6-7 फीसदी प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है. पोटाश का केंद्र सरकार सब्सिडी के रूप में 10,000-15,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च करती है.
राजस्थान (Rajasthan) के नागोर-गंगानगर बेसिन (Nagaur-Ganganagar basin) में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर जिलों के कुछ हिस्सों में लगभग 2400 मिलियन टन पोटाश के भंडार हैं. राजस्थान सरकार ने पोटाश भंडार का दोहन करने के लिए एक राज्य स्तरीय उच्चाधिकार समिति का गठन किया है.
100% विदेश से आता है पोटाश
राजस्थान में पोटाश खनन के बाद देश को विदेश से आयात कम करना पड़ेगा. फिलहाल देश में पोटाश का शतप्रतिशत विदेश से आयात होता है. जल्द ही राजस्थान देश का एक मात्र पोटाश उत्पादक राज्य बनने वाला है. पोटाश खाद के रूप में किसानों के काम आता है. देश में पहली बार इसका खनन होने जा रहा है. इसके खनन को लेकर केंद्र सरकार, जीएसआई और निजी कंपनियों के साथ बातचीत हुई है.
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1974 से पोटाश की खोज कर रहा था जीएसआई
राजस्थान में पोटाश की खोज लंबे समय से की जा रही थी. गंगानगर में जीएसआई (Geological Survey of India) ने 1974 में खोज शुरू की थी. अब तक प्रदेश में पोटाश की तलाश में करीब 70 बोरवेल कर खोदे जा चुके हैं. हनुमानगढ़ और बीकानेर के साथ गंगानगर और नागौर में भी पोटाश के भंडार की खोज की गई.
(रिपोर्ट- अंकित तिवाड़ी/ जयपुर)
08:31 PM IST