पीएम मोदी ने कहा- Make in India है देश की जरूरत, यह स्वीकार्य नहीं है कि भारत एक बाजार बनकर रह जाए
पीएम ने उद्योग जगत से कहा कि आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा पर फोकस करें. मोदी ने उद्योग जगत से कहा कि उन वस्तुओं के आयात में कटौती के प्रयास होने चाहिए जिनका उत्पादन भारत में हो सकता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योगों को अपने उत्पादों के विज्ञापनों में ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में बात करनी चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योगों को अपने उत्पादों के विज्ञापनों में ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में बात करनी चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra Modi) मेक इन इंडिया पर जोर देते हुए गुरुवार को कहा कि 21 सदी के भारत के लिए यह जरूरत है. पीएम ने उद्योग जगत से कहा कि आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा पर फोकस करें. मोदी ने उद्योग जगत से कहा कि उन वस्तुओं के आयात में कटौती के प्रयास होने चाहिए जिनका उत्पादन भारत में हो सकता है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) की तरफ से ‘दुनिया के लिए भारत में विनिर्माण’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री (Narendra Modi) ने कहा कि आज दुनिया भारत को विनिर्माण शक्ति के रूप में देख रही है.
बजट में की गई घोषणा महत्वपूर्ण
खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट में आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) के लिए की गई घोषणाएं उद्योग जगत और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं. मोदी ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान 21वीं सदी के भारत की जरूरत है और यह हमें हमारी क्षमता दिखाने का अवसर देता है. उन्होंने कहा कि हमें एक मजबूत विनिर्माण आधार बनाने के लिए पूरी शक्ति के साथ काम करना चाहिए.
भारत केवल एक बाजार बनकर रह जाए
बजट में ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के लिए किए गए महत्वपूर्ण प्रावधानो का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है कि भारत जैसा देश केवल एक बाजार बनकर रह जाए. उद्योग को वैश्विक मानकों का पालन करना होगा और प्रतिस्पर्धी बनना पड़ेगा. प्रधानमंत्री ने महामारी और अन्य अनिश्चितताओं के दौरान सप्लाई चेन में व्यवधान का जिक्र करते हुए कहा कि युवा और प्रतिभाशाली आबादी से जुड़े लाभ, लोकतांत्रिक व्यवस्था, प्राकृतिक संसाधन हमें ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
The demand for #millets is increasing in the world. By studying the world markets, we should prepare our mills in advance for maximum production and packaging: Prime Minister @narendramodi @PiyushGoyalOffc @investindia @AgriGoI pic.twitter.com/dvW24b6MSR
— DPIIT India (@DPIITGoI) March 3, 2022
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क्वालिटी पर देना होगा जोर
उन्होंने ‘जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट’ निर्माण के अपने आह्वान का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय उत्पादों में किसी प्रकार की खामी नहीं होनी चाहिए और इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में क्वालिटी महत्वपूर्ण है. मोदी ने कहा कि अगर हम राष्ट्रीय सुरक्षा के परिदृश्य में देखें तो आत्मनिर्भर भारत और भी महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री ने सेमी-कंडक्टर और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे क्षेत्रों में नई मांग और अवसरों का उदाहरण दिया, जहां निर्माताओं को विदेशी स्रोतों पर निर्भरता को दूर करने की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए. इसी तरह इस्पात और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में भी स्वदेशी विनिर्माण के लिए ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों, विशेष इस्पात और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में ‘मेक इन इंडिया’ समय की जरूरत है और कोयला, खनन तथा रक्षा क्षेत्रों को खोलने से उद्योगों के लिए अपार अवसरों के मार्ग खुले हैं.
वोकल फॉर लोकल और मेक इन इंडिया पर हो बात
प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योगों को अपने उत्पादों के विज्ञापनों में ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) के बारे में बात करनी चाहिए. भारत में बड़ी संख्या में युवा प्रतिभाएं और कुशल मानव संसाधन हैं और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि निर्यात को प्रोत्साहित करने और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड कानून में सुधार किए गए हैं.
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अपनी कंपनी के उत्पादों पर गर्व करें
प्रधानमंत्री ने बाजार में उत्पाद की उपलब्धता और उसकी तुलना में भारत में बने उत्पाद के बीच के अंतर का उल्लेख किया और अपनी निराशा जताते हुए कहा कि भारत के विभिन्न त्योहारों के दौरान विदेशों में बने सामग्रियों की आपूर्ति की जाती है जबकि स्थानीय विनिर्माता आसानी से इसे प्रदान कर सकते हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 'वोकल फॉर लोकल' का दायरा दिवाली पर 'दीया' खरीदने से कहीं आगे जाता है. उन्होंने निजी क्षेत्र से अपने ‘मार्केटिंग’ और ‘ब्रांडिंग’ प्रयासों में वोकल फॉर लोकल’ और आत्मनिर्भर भारत जैसे कारकों को आगे बढ़ाने के लिए कहा. उन्होंने कहा, अपनी कंपनी के उत्पादों पर गर्व करें और अपने भारतीय ग्राहकों में भी गर्व की भावना पैदा करें. इसके लिए कुछ साझा ब्रांडिंग पर भी विचार किया जा सकता है.
04:11 PM IST