मिलिए RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के उन दिग्गजों से जो तय करते हैं ब्याज दर
Written By: श्रीराम शर्मा
Thu, Jun 06, 2019 05:46 PM IST
गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी क्रेडिट पॉलिसी की घोषणा कर दी. शीर्ष बैंक ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की घोषणा की है. शीर्ष बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में कई ऐसे फैसले लिए हैं जो सीधे तौर पर आम आदमी की जेब को राहत पहुंचाएंगे. ब्याज दरों में कटौती के साथ बैंक ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये RTGS और NEFT पर शुल्क खत्म करने की भी घोषणा की है.
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RBI ने घटाई ब्याज दर
रिजर्व बैंक के इन फैसलों के पीछे आम आदमी के सामने बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का चेहरा उजागर होता है. निश्चित ही बैंक की किसी भी पॉलिसी निर्धारण में गवर्नर का बड़ा रोल होता है. लेकिन क्या अकेले गवर्नर ही सभी फैसले लेते हैं, ऐसा नहीं है. रिजर्व बैंक की पॉलिसी तय करने के लिए एक पूरी टीम लंबे समय तक कवायद करती है. इस टीम को मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी कहते हैं. एमपीसी का नेतृत्व रिजर्व बैंक के गवर्नर करते हैं. इस बार एमपीसी की बैठक बैठक चार जून से शुरू हुई थी. यह बैठक तीन दिन चली. 5 जून को ईद का अवकाश होने के कारण यह 6 जून को समाप्त हुई.
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मौद्रिक नीति समिति
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MPC में 6 सदस्य
एमपीसी में छह सदस्यों का एक पैनल है जिसमें तीन सदस्य आरबीआई होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा चुने जाते हैं. आरबीआई के तीन अधिकारीयों में एक गवर्नर, एक डिप्टी गवर्नर तथा एक अन्य अधिकारी शामिल होता है. सरकार दुवारा चुने गए सदस्य अर्थजगत के दिग्गज लोग होते हैं. वर्तमान में एमपीसी में गवर्नर शान्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा और विरल आचार्य (उप-गवर्नर) हैं. भारत सरकार द्वारा चुने गए सदस्यों में डॉ. पम्मी दुआ, रविंद्र ढोलकिया और चेतन घाटे हैं.
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शक्तिकांत दास
शक्तिकांत दास तमिलनाडु के 1990 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं. यह वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर हैं. गवर्नर बनने से पहले वह भारत के पंद्रहवीं वित्त आयोग और जी-20 में भारत के शेरपा के सदस्य थे. आईएएस रहते हुए उन्होंने आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव जैसे अहम पदों पर भी अपने सेवाएं दे चुके हैं.
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माइकल पात्रा
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विरल आचार्य
जाने-माने अर्थशास्त्री विरल आचार्य आरबीआई के डिप्टी गवर्नर हैं. वह वर्ष 2017 से इस पद पर हैं. उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से पीएच.डी तथा आईआईटी, बॉम्बे से बीटेक की डिग्री हासिल की है. शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल में अध्यापन का कार्य किया. आचार्य अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ संगीत में भी विशेष रुचि रखते हैं और उन्होंने 'यादों के सिलसिले' नामक एक म्यूजिक एलबम में संगीत दिया है.
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डॉ. चेतन घाटे
चेतन घाटे इंडियन इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट यानी भारतीय सांख्यिकी संस्थान, दिल्ली में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं. उन्होंने कैलिफोर्निया स्थित क्लेरमॉन्ट ग्रेजुएट यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएच.डी की डिग्री हासिल की है. वह देश-विदेश की यूनिवर्सिटियों तथा अन्य शिक्षण संस्थानों में अपनी सेवाएं देते रहते हैं. वह वर्ष 2016 से रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सदस्य हैं.
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डॉ. पम्मी दुआ
पम्मी दुआ देश की जानी-मानी अर्थशास्त्री हैं. रिजर्व बैंक की 6 सदस्यीय मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में वह अकेली महिला सदस्य हैं. वह दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की निदेशक और प्रोफेसर रही हैं. उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से Ph.D की डिग्री हासिल की है. देश-विदेश की अर्थव्यवस्था पर उनके रिसर्च पेपर प्रकाशित होते रहते हैं.
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