पेट्रोल-डीजल के दाम दो हफ्ते में गिरने लगेंगे : रिपोर्ट में दावा
विदेश में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद भारत में इसके दाम बढ़ रहे हैं.
देश की राजधानी में पेट्रोल 81 रुपये प्रति लीटर और डीजल 73.08 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. (फाइल फोटो)
देश की राजधानी में पेट्रोल 81 रुपये प्रति लीटर और डीजल 73.08 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. (फाइल फोटो)
विदेश में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद भारत में इसके दाम बढ़ रहे हैं. दिल्ली में गुरुवार को पेट्रोल फिर 13 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया और डीजल के दाम में 11 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई. देश की राजधानी में पेट्रोल 81 रुपये प्रति लीटर और डीजल 73.08 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. इस बारे में एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी या नरमी का असर पेट्रोल या डीजल की कीमतों पर करीब दो हफ्ते बाद पड़ता है. कच्चा तेल बुधवार को मई के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर चला गया था, जो आगे आपूर्ति कम रहने की संभावनाओं से प्रेरित था.
अगले साल नरम रहेगी क्रूड की मांग
ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा के अनुसार, वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल रहने के कारण तेल निर्यातक देशों के संगठन 'ओपेक' ने आशंका जताई गई है कि अगले साल तेल की मांग नरम रह सकती है इसलिए कीमतों में थोड़ी कमजोरी आई है मगर फिलहाल तेल के दाम में नरमी की संभावना कम है. हालांकि अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में कमी आई है. ब्रेंट क्रूड का नवंबर वायदा गुरुवार को इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर 0.58 फीसदी की कमजोरी के साथ 79.28 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था. इससे पहले बुधवार को ब्रेंड क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया था.
69.90 डॉलर प्रति बैरल बने हुए हैं दाम
अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई 0.67 फीसदी की नरमी के साथ 69.90 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था. इससे पहले डब्ल्यूटीआई बुधवार को 70 डॉलर के पार चला गया था. घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सितंबर डिलीवरी कच्चा तेल वायदा बुधवार को 31 रुपये यानी 0.61 फीसदी की बढ़त के साथ 5,075 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि दैनिक कारोबार के दौरान वायदे में 5,140 रुपये प्रति बैरल का उछाल आया. गणेश चतुर्थी का अवकाश रहने के कारण गुरुवार को एमसीएक्स पर दिन के सत्र के दौरान कारोबार बंद रहा.
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जानकार बोले-मौजूदा कमी अस्थाई
एंजेल ब्रोकिंग के ऊर्जा विश्लेषक व वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने 'आईएएनएस' से बातचीत में कहा कि तेल भंडार घटने को लेकर जो प्रतिक्रिया आनी थी वह बुधवार को पहले ही आ गई थी और मौजूदा नरमी अस्थाई है फिर तेजी की संभावना बनी हुई है. उन्होंने कहा कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के कारण तेल की आपूर्ति कम होने और अमेरिका में लगातार तेल का भंडार घटने से कच्चे तेल के दाम को सपोर्ट मिल रहा है. गुप्ता ने कहा, ओपेक देशों के बीच अगर आगे तेल का उत्पादन बढ़ाने को लेकर सहमति बनेगी तो ही तेल के दाम में नरमी आएगी.
सऊदी अरब तेल उत्पादन बढ़ाए तभी होगा करिश्मा
जब तक सऊदी अरब तेल का उत्पादन नहीं बढ़ाएगा तब तक आपूर्ति पर दबाव बना रहेगा क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंध के कारण ईरान से तेल की आपूर्ति लगातार घट रही है. अमेरिकी एजेंसी एनर्जी इंफोर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी ईआईए की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में तेल का भंडार सात सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह को 53 लाख बैरल घटकर 39.62 करोड़ बैरल रह गया.
2019 में तेल की रोजाना मांग 14.1 लाख बैरल बढ़ेगी
उधर, ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोटिर्ंग कंट्रीज यानी ओपेक ने 2019 में तेल की मांग को लेकर अपने अनुमान में पिछले महीने से 20,000 बैरल की कटौती की है. ओपेक की इस महीने की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में तेल की रोजाना मांग 14.1 लाख बैरल बढ़ सकती है.
03:32 PM IST