Export को बढ़ावा देने के लिए सरकार की स्पेशल स्कीम, 50,000 करोड़ रुपये होगा खर्च
Economy: मौजूदा मर्चेंटाइज एक्पोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस) की जगह रीमिशन ऑफ ड्यूटीज फॉर एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (आरओडीटीईपी) यानी निर्यात उत्पादों पर फीस में छूट की योजना लाई गई है.
आरओडीटीईपी की योजना मौजूदा एमईआईएस की जगह लेगी. (रॉयटर्स)
आरओडीटीईपी की योजना मौजूदा एमईआईएस की जगह लेगी. (रॉयटर्स)
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की कोशिशों के तहत आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से नई योजना का ऐलान किया, जिस पर 50,000 करोड़ रुपये का खर्च होगा. मीडिया को संबोधित करते हुए वित्तमंत्री ने बताया कि मौजूदा मर्चेंटाइज एक्पोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस) की जगह रीमिशन ऑफ ड्यूटीज फॉर एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (आरओडीटीईपी) यानी निर्यात उत्पादों पर फीस में छूट की योजना लाई गई है.
वित्त मंत्री ने बताया कि आरओडीटीईपी लागू करने से सरकारी खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. नई घोषणा में कहा गया है कि आरओडीटीईपी की योजना मौजूदा एमईआईएस की जगह लेगी. वित्तमंत्री ने एमएसएमई के लिए इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन रेट यानी समान ब्याज दर तीन फीसदी से घटा कर पांच फीसदी कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया संबंधी छोटी चूक और छोटे करदाताओं को अभियुक्त नहीं बनाया जाएगा.
नई स्कीम से सरकार पर ₹50,000 करोड़ का बोझ आएगा: वित्त मंत्री #NirmalaSitharaman @AnilSinghvi_ @nsitharaman @FinMinIndia pic.twitter.com/PlqskSzdNg
— Zee Business (@ZeeBusiness) September 14, 2019
उन्होंने कहा कि पीएसयू बैंकों द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में कटौती का ट्रांसफर किया जा रहा है और वह 19 सितंबर को इन बैंकों के प्रमुखों से मिलकर क्रेडिट फ्लो पर चर्चा करेंगी. साथ ही, उच्च दर वाली एनबीएफसी संपत्तियों की खरीद के लिए पीएसयू बैंकों के लिए लोन योजना की प्रगति पर भी चर्चा होगी.
05:30 PM IST