सरकार ने बदल दिए लैपटॉप, कंप्यूटर आयात के नियम, अब ऑनलाइन लेनी होगी मंजूरी; रखना होगा इन शर्तों का ध्यान
अब इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स Import Management System के भीतर इंपोर्ट होंगे. इंपोर्ट के लिए पूरा सिस्टम ऑनलाइन होगा, इसके लिए आसान और सुविधाजनक पोर्टल लाया जाएगा.
सरकार ने आखिरकार लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे आईटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात के लिए लाइसेंसिंग नियमों में बदलाव कर दिया है. इसके लिए अब मंजूरी प्रणाली लाई जाएगी, और पूरा प्रोसेस ऑनलाइन होगा. विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने बताया कि अब इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स Import Management System के भीतर इंपोर्ट होंगे. इंपोर्ट के लिए पूरा सिस्टम ऑनलाइन होगा, इसके लिए आसान और सुविधाजनक पोर्टल लाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि “नई लाइसेंसिंग या मंजूरी व्यवस्था का उद्देश्य मुख्य रूप से इन उत्पादों के आयात की निगरानी करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे विश्वसनीय स्रोतों से आ रहे हैं. यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी.” पोर्टल शुरू करने के पीछे मंशा ये है कि सरकार को डाटा पूरा मिले और उनकी जानकारी में हो कि इंपोर्ट कहां से और किस तरह का है. कहीं इससे राष्ट्रीय/ निजी सुरक्षा को कोई खतरा तो नहीं. साथ ही, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए भी ये अहम कदम है. सितम्बर, 2024 तक इंपोर्ट का पूरा डाटा देख कर आगे प्रतिबंधों पर विचार किया जाएगा. इस दौरान सरकार लगातार इंडस्ट्री के साथ चर्चा करेगी.
सारंगी ने कहा कि आयात पर अंकुश को लेकर हितधारकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं और आयातकों के लिए ‘एंड-टू-एंड’ ऑनलाइन प्रणाली शुरू की गई है. सारंगी ने कहा कि यह प्रणाली आयातकों के लिए बिना कहीं जाए और बिना संपर्क विवरण भरने की सुविधा प्रदान करेगी. यह घोषणा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने चार अगस्त को घोषणा की थी कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से आयात में कटौती करने के उद्देश्य से आयातकों को एक नवंबर से इन वस्तुओं के आयात के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी.
क्या-क्या बदलेगा?
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नई लाइसेंस व्यवस्था भारत की विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर (टैबलेट कंप्यूटर सहित), माइक्रो कंप्यूटर, बड़े या मेनफ्रेम कंप्यूटर और कुछ डेटा प्रोसेसिंग मशीनों पर लागू है. डीजीएफटी ने कहा कि एक आयातक अभी से आयात का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए प्रणाली पर आवेदन कर सकता है. इसमें मात्रा, मूल्य या किसी देश पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. नई प्रणाली की तैयारी में राजस्व विभाग भी शामिल है और पूरी आवेदन प्रक्रिया में लगभग 10 मिनट का समय लगेगा और सरल लाइसेंस स्वचालित तरीके से जारी किया जाएगा. सारंगी ने कहा, “‘अस्वीकृत इकाई सूची’ में शामिल कंपनियों को लाइसेंस नहीं मिलेगा. ऐसी सूची में वे कंपनियां शामिल हैं जिन्होंने अग्रिम प्राधिकरण और निर्यात संवर्धन पूंजीगत सामान (ईपीसीजी) जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर निर्यात दायित्वों को पूरा नहीं किया है या चूक की है; या उनके खिलाफ डीआरआई (राजस्व आसूचना निदेशालय) के मामले चल रहे हैं.”
पुराना सामान या नवीनीकृत वस्तुओं का आयात करने की इच्छुक कंपनियों को भी इस लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि उनके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अलग है. सारंगी ने कहा, “हालांकि, एक ऑनलाइन प्रणाली लागू की गई है, लेकिन ये आईटी हार्डवेयर उत्पाद अब भी अंकुश की श्रेणी के अंतर्गत हैं और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.”
(भाषा से इनपुट)
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04:07 PM IST