5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा भारत, मोदी सरकार-2 पर विश्वबैंक ने जताया भरोसा
2025 तक भारत का जीडीपी का आकार जापान से अधिक हो जाएगा. ऐसे में भारत एशिया प्रशांत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
विश्व बैंक का कहना है कि बेहतर निवेश तथा निजी खपत के दम पर अगले तीन साल तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.50 प्रतिशत रह सकती है.
विश्व बैंक का कहना है कि बेहतर निवेश तथा निजी खपत के दम पर अगले तीन साल तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.50 प्रतिशत रह सकती है.
भारत तेजी से विकास कर रहा है और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों की फेहरिस्त में तेजी से सोपान चढ़ रहा है. विशेषज्ञों का विश्वास है कि अगर भारत इसी गति से विकास करता रहा तो वह जल्द ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा. और वह यह कामयाबी ब्रिटेन को पछाड़कर हासिल करेगा. भारत के विकास पर विश्व बैंक ने भी भरोसा जताया है. विश्वबैंक का कहना है कि बेहतर निवेश तथा निजी खपत के दम पर अगले तीन साल तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.50 प्रतिशत रह सकती है.
आईएचएस मार्किट ने एक रिपोर्ट जारी कर भारत को तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बताया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर एशिया प्रशांत क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. रिपोर्ट कहती है कि 2019 में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और देश की जीडीपी का आकार 3,000 अरब डॉलर के पार निकल जाएगा.
2025 तक एशिया प्रशांत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
भारत इस तरह से ब्रिटेन को पीछे छोड़ देगा. इसी प्रकार 2025 तक भारत का जीडीपी का आकार जापान से अधिक हो जाएगा. ऐसे में भारत एशिया प्रशांत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा. दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की रैंकिंग में भारत लगातार आगे बढ़ेगा. वैश्विक जीडीपी वृद्धि में भारत का योगदान भी बढ़ेगा. भारत एशिया प्रशांत की आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख इंजन होगा. एशियाई क्षेत्रीय व्यापार और निवेश के प्रवाह में भारत का प्रमुख योगदान होगा.
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जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा अभी 18 प्रतिशत है जबकि लक्ष्य 25 प्रतिशत का है. अगले दो दशक के दौरान भारतीय श्रमबल में हर साल औसत 75 लाख लोग जुड़ेंगे.
विश्व बैंक ने जताया भरोसा
विश्वबैंक का मानना है कि अगले तीन साल तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.50 प्रतिशत रह सकती है. विश्वबैंक की यह रिपोर्ट ऐसे समय आयी है जब केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े सामने आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.80 प्रतिशत पर आ गयी।. यह चीन की तुलना में कम है.
चीन को पछाड़ेगा भारत
बैंक ने कहा कि 2018 में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.60 प्रतिशत रही. इस दर के गिरकर 2019 में 6.20 प्रतिशत, 2020 में 6.10 प्रतिशत और 2021 में 6 प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है. जबकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. वर्ष 2021 तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन के छह प्रतिशत की तुलना में डेढ़ प्रतिशत अधिक होगी. विश्व बैंक ने पिछले पूर्वानुमान में भी 2019-20 में वृद्धि दर 7.50 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था.
(इनपुट भाषा से)
03:21 PM IST