IMF ने महंगाई को लेकर दी चेतावनी, कहा- यूक्रेन युद्ध ने दुनिया को मंदी के कगार पर धकेला, भारत का ग्रोथ अनुमान घटाया
India's GDP Forecast: IMF ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 7.4% कर दिया. मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिकूल हालात और नीतिगत दर में बढ़ोतरी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
IMF का अनुमान है कि युद्ध के कारण यूक्रेन की अर्थव्यवस्था लगभग 45% सिकुड़ जाएगी. (Reuters)
IMF का अनुमान है कि युद्ध के कारण यूक्रेन की अर्थव्यवस्था लगभग 45% सिकुड़ जाएगी. (Reuters)
India's GDP Forecast: आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर नहीं है. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने ग्लोबल ग्रोथ पूर्वानुमानों में फिर से कटौती की. आईएमएफ (IMF) ने महंगाई को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध ने दुनिया को मंदी के कगार पर धकेल दिया है. आईएमएफ ने अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के अपडेट में कहा है कि अप्रैल में जारी 3.6% के पूर्वानुमान से 2022 में ग्लोबल रियल GDP ग्रोथ धीमी होकर 3.2% हो जाएगी. इसमें कहा गया है कि चीन और रूस में मंदी के कारण दुनिया की जीडीपी वास्तव में दूसरी तिमाही में सिकुड़ी है. आईएमएफ ने घटाया भारत का ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है.
संकट में फंसी ग्लोबल इकोनॉमी
IMF ने जुलाई 2022 के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (World Economic Outlook) की अपडेटेड रिपोर्ट में कहा कि महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण संकट में फंसी वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चित हालात और आउटलुक का सामना कर रही है. 1970 के बाद से ग्लोबल ग्रोथ केवल पांच बार 2% से नीचे गिर गया है. 1973, 1981 और 1982, 2009 और 2020 में COVID-19 महामारी की वजह से मंदी आई है.
ग्लोबल ग्रोथ रेट में कटौती
रिपोर्ट में IMF ने 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट घटकर 3.2% रहने का अनुमान लगाया है जो पिछले साल 6.1% थी. ग्लोबल ग्रोथ रेट 2022 में 3.2% और 2023 में 2.9% रहने की संभावना है. यह अप्रैल, 2022 में वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में जताये गये अनुमान से क्रमश: 0.4% और 0.7% कम है.
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इसमें कहा गया है कि 2022-23 के लिये चीन और अमेरिका के साथ-साथ भारत के लिये इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को कम करने से ग्लोबल ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाया गया है. अप्रैल, 2022 में World Economic Outlook में जो जोखिम की आशंका जतायी गयी थी, वह अब हकीकत बन रही है.
भारत की आर्थिक विकास का अनुमान घटाया
IMF के अनुसार, भारत के आउटलुक को 0.8% घटाकर 7.4% कर दिया गया है. इसका कारण प्रतिकूल वैश्विक स्थिति और मौद्रिक नीति को कड़ा किया जाना है.
मंदी की क्या है वजह?
यह चीन में महामारी के कारण उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन, मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों की तरफ से मौद्रिक नीति कड़ा किये जाने के साथ वैश्विक वित्तीय स्थिति तंग होने और यूक्रेन युद्ध के असर का नतीजा है.
01:38 PM IST