Inflation: महंगाई की ऊंची दर के लिए कौन है जिम्मेदार? एमपीसी मेंबर ने बताई पूरी बात, कहा- बहुत है दबाव
Inflation: उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2022 से छह फीसदी से ऊपर बनी हुई है, सितंबर में यह 7.41 फीसदी थी.
Inflation: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सदस्य शशांक भिड़े ने कहा कि बीती तीन तिमाहियों से मुद्रास्फीति की दर ऊंची बनी हुई है. इसकी वजह (cause of Inflation) कीमतों पर बाहरी दबाव का होना है. उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए कोर्डिनेटेड पॉलिसी एफर्ट (समन्वित नीतिगत कोशिशों) की जरूरत होगी. भाषा की खबर के मुताबिक, भिड़े ने कहा कि मुद्रास्फीतिक दबाव बहुत ज्यादा है और यह भारत की मुद्रास्फीति से निपटने की रूपरेखा के लिए निश्चित ही एक परीक्षा है.
दूसरी तिमाही में महंगाई तेज रही
खबर के मुताबिक, भिड़े ने कहा कि साल 2022-23 की दूसरी तिमाही में उच्च मुद्रास्फीति रही, इससे पहले दो तिमाही में भी मुद्रास्फीति ऊंचे लेवल पर थी. ईंधन और खाद्य वस्तुओं के ऊंचे दाम और दूसरे क्षेत्रों पर इसके असर ने मुद्रास्फीति की दर को ज्यादा बना रखा है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2022 से छह फीसदी से ऊपर बनी हुई है, सितंबर में यह 7.41 फीसदी थी. मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति पर फैसला लेते वक्त खुदरा मुद्रास्फीति (Inflation) पर गौर करती है.
कदम उठाना जरूरी
भिड़े ने कहा कि इस स्थिति की वजह बाहरी मूल्य की चोट है और बाकी की अर्थव्यवस्था पर इसके असर को सीमित करने के लिए कदम उठाना जरूरी है. इन मुद्दों से निपटने के लिए समन्वित नीतिगत प्रयासों, मौद्रिक नीति और दूसरे आर्थिक नीतियों की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि आरबीआई (RBI) की मौद्रिक सख्ती का मकसद मुद्रास्फीतिक दबावों को कम करना होता है क्योंकि मुद्रास्फीति का ऊंचे स्तर पर बने रहने का खपत और निवेश मांग पर प्रतिकूल असर पड़ता है.
एमपीसी की होगी स्पेशल मीटिंग
TRENDING NOW
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
आपके EPF में जमा होने वाले पैसों को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी... EPFO खत्म कर देगा ये लिमिट! मिलेगा ज्यादा फायदा
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति(MPC) की 3 नवंबर को विशेष बैठक होने जा रही है. दरअसल आरबीआई को सरकार को यह रिपोर्ट देनी है कि वह जनवरी से लगातार तीन तिमाहियों से खुदरा मुद्रास्फीति (cause of Inflation) को छह फीसदी के लक्ष्य से नीचे रखने में क्यों विफल रहा है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एमपीसी यह रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसमें मुद्रास्फीति के लक्ष्य को पाने में असफल होने के कारण बताए जाएंगे. इसके अलावा यह भी बताया जाएगा कि देश में दामों में नरमी लाने के लिए केंद्रीय बैंक ने क्या उपाय किए हैं. भारत की मौजूदा व्यापक आर्थिक स्थिति के बारे में भिड़े ने कहा कि जोखिम अनिश्चित वैश्विक माहौल से आता है, हालांकि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि करीब सात फीसदी रहने का अनुमान है.इको
02:39 PM IST