खाद्य तेल की महंगाई कम करेगी सरकार, उठाएगी ये बड़ा कदम
Edible oil inflation: खाद्य तेल आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए केंद्र सरकार मिशन मोड में काम करने जा रही है और जल्द ही राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन लॉन्च करने वाली है.
केंद्र सरकार खाद्य तेल आयात में कमी लाकर विदेशी मुद्रा की बचत करना चाहती है. (रॉयटर्स)
केंद्र सरकार खाद्य तेल आयात में कमी लाकर विदेशी मुद्रा की बचत करना चाहती है. (रॉयटर्स)
Edible oil inflation: खाने के तेल (Edible oil) की महंगाई को लेकर गंभीर हुई मोदी सरकार (Modi government) ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (National Edible Oil Mission) की तैयारी तेज कर दी है. खाद्य तेल आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए केंद्र सरकार मिशन मोड में काम करने जा रही है और जल्द ही राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन लॉन्च करने वाली है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से एनएमईओ (NEOM) की रूपरेखा पर गहन विचार-विमर्श चल रहा है. एनएमईओ के विजन दस्तावेज को मंजूरी मिलने के बाद इसे लॉन्च किया जाएगा और अगले वित्त वर्ष में इसे अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू की
जा सकती है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने पिछले महीने कहा था कि सरकार जल्द ही राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन लाने जा रही है, जिस पर अमल किए जाने पर तेल आयात पर देश की निर्भरता घटने लगेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनएमईओ के तहत सरकार ने वर्ष 2024-25 तक खाद्य तेल का घरेलू उत्पादन तकरीबन 100 लाख टन से बढ़ाकर 180 लाख टन करने का लक्ष्य रखा है. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए तिलहन फसलों का रकबा अगले पांच साल में बढ़ाकर 300 लाख हेक्टेयर से ज्यादा किया जाएगा. सरकार एक तरफ तिलहनों की उत्पादकता में 50 फीसदी वृद्धि करना चाहती है तो दूसरी तरफ खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति खपत में करीब तीन किलोग्राम की कमी करने का लक्ष्य है.
देश में तिलहनों का कुल उत्पादन इस समय तकरीबन 300 लाख टन होता है जिसे अगले पांच साल में बढ़ाकर करीब 480 लाख टन करने का लक्ष्य है. सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार खाद्य तेल आयात में कमी लाकर विदेशी मुद्रा की बचत करना चाहती है. उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट अतुल चतुर्वेदी ने कहा, "हमलोग काफी समय से इसकी मांग करते रहे हैं और जब यह लॉन्च होगा हमलोग तहे दिल से इसका स्वागत करेंगे." एसईए के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. बी. वी. मेहता ने बताया कि देश में सालाना खाद्य तेल के आयात पर तकरीबन 75,000 करोड़ रुपये खर्च होता है.
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सूत्रों ने कहा कि ऐसे में सरकार ने NEOM के तहत जिस मिशन मोड में तेल और तिलहन का उत्पादन बढ़ाने लक्ष्य रखा है, उससे खाद्य तेल आयात पर निर्भरता कम होने से आयात बिल घटना स्वाभाविक है.पिछले तेल-तिलहन सीजन 2018-19 (नवंबर-अक्टूबर) के दौरान भारत ने 149.13 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया, जबकि इससे एक साल पहले 2017-18 के दौरान खाद्य तेल का आयात 145.16 लाख टन हुआ था. कुल वनस्पति तेल (खाद्य एवं अखाद्य तेल) का आयात 2018-19 में 155.49 लाख टन हुआ था जबकि एक साल पहले 2017-18 के दौरान कुल वनस्पति तेल का आयात 150.02 लाख टन हुआ था.
भारत (India) खाद्य तेल के कुल आयात का तकरीबन 65 फीसदी पाम तेल आयात करता है. पाम तेल का आयात मुख्य रूप से इंडोनेशिया (Indonesia) और मलेशिया (Malaysia) से होता है जहां बायोडीजल में पाम तेल के उपयोग की अनिवार्यता लागू होने से आयात महंगा हो गया है, जिससे भारत में तमाम खाद्य तेल महंगे हो गए हैं.
08:54 AM IST