आर्थिक सलाहकार परिषद की बैठक में इकोनॉमी को लेकर होगा मंथन, जानिए क्या है एजेंडा
15वें वित्त आयोग की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council) की बैठक 23-24 अप्रैल, 2020 को होगी. यह एक ऑनलाइन बैठक होगी जिसकी अध्यक्षता 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह (N.K.Singh) करेंगे. इस बैठक में प्रमुख रूप से इस बात पर विचार किया जाएगा कि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकारी खर्च को बढ़ाना चाहिए या नहीं. और बढ़ाया जाए तो कैसे. इसके अलावा इस साल और अगले साल के रेवेन्यू की उम्मीदों, और जीडीपी वृद्धि दर (GDP growth rate) पर भी चर्चा की जाएगी.
15वें वित्त आयोग की आर्थिक सलाहकार परिषद की बैठक 23-24 अप्रैल, 2020 को होगी (फाइल फोटो)
15वें वित्त आयोग की आर्थिक सलाहकार परिषद की बैठक 23-24 अप्रैल, 2020 को होगी (फाइल फोटो)
15वें वित्त आयोग की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council) की बैठक 23-24 अप्रैल, 2020 को होगी. यह एक ऑनलाइन बैठक होगी जिसकी अध्यक्षता 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह (N.K.Singh) करेंगे. इस बैठक में प्रमुख रूप से इस बात पर विचार किया जाएगा कि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकारी खर्च को बढ़ाना चाहिए या नहीं. और बढ़ाया जाए तो कैसे. इसके अलावा इस साल और अगले साल के रेवेन्यू की उम्मीदों, और जीडीपी वृद्धि दर (GDP growth rate) पर भी चर्चा की जाएगी.
दो दिन चलेगी बेठक
15वें वित्त आयोग की आर्थिक सलाहकार परिषद (Economic Advisory Council) की बैठक में वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह के अलावा वित्त आयोग के सभी सदस्य एवं वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. 23 अप्रैल, 2020 को होने वाली बैठक में डॉ. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन, डॉ. साजिद जेड चिनॉय, डॉ. प्राची मिश्रा, नीलकंठ मिश्रा और डॉ. ओंकार गोस्वामी सहित परिषद के 5 सदस्य भाग लेंगे. परिषद के बाकी सदस्य के साथ अगले दिन यानी 24 अप्रैल, 2020 को बैठक की जाएगी.
सलाहकार परिषद की बैठक का ये है एजेंडा
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
· कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सार्वजनिक व्यय में बढ़ोत्तरी क्या होना चाहिए.
· 2020-21 और 2021-22 में GDP वृद्धि दर के पर कोरोना महामारी का असर और समय के साथ वृहद परिवर्तनशील तत्वों के बारे में अनिश्चितता.
· चालू वर्ष और अगले वर्ष के दौरान कर उछाल और राजस्व के लिए संभावित पूर्वानुमान.
RBI बाजार में डाल रहा है पैसे
गौरतलब है कि RBI अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और बाजार में लिक्विडिटी को मेंटने करने के लिए बाजार में टार्गेटेड लांग टर्म रेपो ऑपरेशन (TLTRO) के जरिए बाजार में पैसे डाल रहा है. कोरोनावायरस को रोकने के लिए देश में किए गए लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़े असर को कम करने के लिए आरबीआई ये कदम उठा रहा है.
आरबीआई ने घटाई ब्याज दरें
हाल ही में आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर यानी रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की जोरदार कटौती की है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि यह जोरदार कटौती कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए किया गया है. इस फैसले में आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. अब रिवर्स रेपो रेट 4 फीसदी है. आरबीआई ने सीआरआर (CRR) को भी घटाकर 3 फीसदी कर दिया है.
05:11 PM IST