Disinvestment: सरकार ने Pawan Hans के विनिवेश का फैसला टाला, इस वजह से लिया फैसला
Pawan Hans strategic disinvestment: पवन हंस सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी (ONGC) का एक संयुक्त उद्यम है. इसमें सरकार के पास 51% हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सा ओएनजीसी के पास है.
इसमें सरकार के पास 51% हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सा ओएनजीसी के पास है. (Image- Company website)
इसमें सरकार के पास 51% हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सा ओएनजीसी के पास है. (Image- Company website)
Pawan Hans strategic disinvestment: सरकार ने हेलिकॉप्टर सर्विस प्रोवाइडर (Helicopter Service Provider) पवन हंस (Pawan Hans) के रणनीतिक विनिवेश (Strategic Disinvestment) की प्रक्रिया निरस्त कर दी है. इसकी सफल बोली लगाने वाले गठजोड़ स्टार9 मोबिलिटी (Star9 Mobility) पर लंबित कानूनी मामले को देखते हुए उसे अयोग्य घोषित किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है. पवन हंस सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी (ONGC) का एक संयुक्त उद्यम है. इसमें सरकार के पास 51% हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सा ओएनजीसी के पास है.
सरकार ने गत वर्ष अप्रैल में हेलिकॉप्टर सर्विस देने वाली पवन हंस को स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड (Star9 Mobility Private Ltd) के कंसोर्टियम को 211.40 करोड़ रुपये में बेचने का फैसला किया था. इस कंसोर्टियम में बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड (Big Charter Private Ltd), महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड (Maharaja Aviation Private Ltd) और अल्मास ग्लोबल ऑपर्च्यूनिटी फंड एसपीसी शामिल हैं.
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NCLT में चल रहा मामला
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हालांकि, इस साल मई में इस कंसोर्टियम की प्रमुख साझेदार अल्मास ग्लोबल ऑपर्च्यूनिटी के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में मामला विचाराधीन होने का तथ्य सामने आने के बाद इस बिक्री प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया था.
स्टार9 मोबिलिटी अयोग्य घोषित
विनिवेश प्रक्रिया की निगरानी करने वाले निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने कहा कि सरकार ने एनसीएलटी (NCLT)और नेशन कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के प्रतिकूल आदेशों की पड़ताल करने के बाद पवन हंस (Pawan Hans) के लिए सफल रणनीतिक बोली लगाने वाली स्टार9 मोबिलिटी को विनिवेश प्रक्रिया के अयोग्य घोषित करने का फैसला किया है.
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दीपम ने बयान में कहा, सफल बोलीकर्ता के अयोग्य घोषित होने के साथ ही रणनीतिक विनिवेश के लिए जारी प्रक्रिया निरस्त हो जाती है. इस मामले में स्टार 9 मोबिलिटी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. उसका जवाब आने के बाद सरकार ने वैकल्पिक प्रणाली की अनुमति से इस प्रक्रिया को निरस्त करने का फैसला किया है. वैकल्पिक व्यवस्था में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, वित्त मंत्री और नागर विमानन मंत्री शामिल हैं.
पवन हंस दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर कंपनी के रूप में विकसित हो गया है, जो 43 हेलीकॉप्टरों के बेड़े का रखरखाव और संचालन करती है. पीएचएल ने 1 मिलियन से अधिक फ्लाइंग घंटे और लाखों की लैंडिंग की है और 2027 तक 100 हेलीकॉप्टर कंपनी बनने की योजना बनाई है.
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05:33 PM IST