स्टील सेक्टर के बदलेंगे दिन, अगले साल इन्सेंटिव पर सरकार का खास ध्यान रहने की उम्मीद
देश में स्टील (Steel) का प्रोडक्शन बढ़ने के साथ ही सरकार का ध्यान अगले साल 2023 में कच्चे माल की सप्लाई और खास किस्म के स्टील का प्रोडक्शन बढ़ाने पर खास तौर पर रह सकता है.
स्टील सेक्टर के बदलेंगे दिन, अगले साल इन्सेंटिव पर सरकार का खास ध्यान रहने की उम्मीद (Reuters)
स्टील सेक्टर के बदलेंगे दिन, अगले साल इन्सेंटिव पर सरकार का खास ध्यान रहने की उम्मीद (Reuters)
देश में स्टील (Steel) का प्रोडक्शन बढ़ने के साथ ही सरकार का ध्यान अगले साल 2023 में कच्चे माल की सप्लाई और खास किस्म के स्टील का प्रोडक्शन बढ़ाने पर खास तौर पर रह सकता है. भारत ने जनवरी-नवंबर 2022 की अवधि में 11.34 करोड़ टन कच्चे स्टील का उत्पादन किया, जो सालाना आधार पर 10 प्रतिशत ज्यादा है. सरकार का लक्ष्य कच्चे स्टील की उत्पादन क्षमता को 15 करोड़ टन के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 30 करोड़ टन करने तक पहुंचाना है. स्टील राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि साल 2023 में स्टील सेक्टर के लिए और पहल की जाएंगी.
देश में लगातार बढ़ रहा है स्टील का उत्पादन
सरकार ने पिछले साल उच्च गुणवत्ता वाले अयस्क का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशिष्ट श्रेणी वाले स्टील के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की थी. बिजली, पोत परिवहन, रेलवे और ऑटो सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेष श्रेणी के स्टील का इस्तेमाल किया जाता है. इस स्टील की मांग को आयात के जरिये पूरा किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ”हमारा ध्यान नए बाजारों को खोजने के अलावा उद्योग को समर्थन देने के उपाय करने पर भी होगा क्योंकि देश में स्टील का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है.”
बड़ी संख्या में पैदा होंगे रोजगार के मौके
स्टील उत्पादन के लिए कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर सरकार का मुख्य जोर होगा क्योंकि देश कोकिंग कोल जैसे अधिकांश कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है. कुलस्ते ने कहा कि भारत कोकिंग कोल के लिए आयात पर निर्भर है जबकि अन्य खनिज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि इन कदमों से देश आत्मनिर्भर बनेगा और साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
अप्रैल-अक्टूबर 2022 में गिर गया था स्टील का निर्यात
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सरकार ने 2022 में स्टील वस्तुओं पर निर्यात शुल्क को खत्म करके और लोहे तथा स्टील के लिए निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और कर छूट योजना (RODTEP) के तहत निर्यात लाभों को बढ़ाकर प्रोत्साहन दिया. भारतीय स्टील संघ (ISA) के महासचिव आलोक सहाय ने कहा कि स्टील का निर्यात अप्रैल-अक्टूबर 2022 में सालाना आधार पर लगभग 55 प्रतिशत गिर गया था लेकिन इसमें आगे धीमी गति से सुधार होने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू स्टील उद्योग के लिए बढ़ता आयात चिंता का विषय बन गया है.
स्टील सेक्टर के लिए अगला साल बेहतर रहने की उम्मीद
टाटा स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने साल 2022 को स्टील उद्योग के लिए उथल-पुथल भरा साल बताते हुए कहा कि यूक्रेन में जंग छिड़ने से कोविड के बाद हो रहे पुनरुद्धार पर असर पड़ा और आपूर्ति से जुड़ी अड़चनें भी खड़ी हो गईं. हालांकि उन्होंने साल 2023 में हालात बेहतर होने की उम्मीद जताई.
जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं समूह मु्ख्य वित्तीय अधिकारी शेषगिरि राव ने कहा कि इस साल वैश्विक मांग में भारी गिरावट के साथ कच्चे माल और स्टील की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया.
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के प्रबंध निदेशक विमलेंद्र झा ने कहा कि 2023 में स्टील की मांग आठ फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने एक बयान में कहा कि हाल ही में निर्यात शुल्क को हटाना से घरेलू स्टील उद्योग को बढ़त मिलेगी.
भाषा इनपुट्स के साथ
03:56 PM IST