देश का उपभोक्ता बाजार 335 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा, ये हैं खास वजह
Consumer market: रिपोर्ट में कहा गया है कि जनसंख्या वृद्धि, संपन्नता बढ़ने, शहरीकरण के जारी रहने, पारिवारिक संरचना में बदलाव के कारण यह बढ़ोत्तरी दर्ज की जाएगी.
2008 में उपभोक्ता बाजार 31 लाख करोड़ रुपये का था. (फोटो - रॉयटर्स)
2008 में उपभोक्ता बाजार 31 लाख करोड़ रुपये का था. (फोटो - रॉयटर्स)
पभोक्ता बाजार के अगले दशक तक 12 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ने की उम्मीद है और यह 335 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े तक पहुंच जाएगा. बीसीजी की ओर से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2008 में उपभोक्ता बाजार 31 लाख करोड़ रुपये का था जो पिछले एक दशक में 13 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2018 में बढ़कर 110 लाख करोड़ रुपये का हो गया.
इन वजहों से आएगी तेजी
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनसंख्या वृद्धि, संपन्नता बढ़ने, शहरीकरण के जारी रहने, पारिवारिक संरचना में बदलाव के कारण यह बढ़ोत्तरी दर्ज की जाएगी. इसमें कहा गया है बढ़ते शहरीकरण के चलते ऐसे परिवारों की पिछले एक दशक में सालाना 10 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है और उपभोक्ता बाजार में उनकी हिस्सेदारी 2008 के 6 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 12 प्रतिशत तक पहुंच गई.
फोटो - रॉयटर्स
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
व्यवहार और खर्च के तौर तरीकों में बदलाव
संपन्न और धनी परिवारों में उपभोग सालाना 20 प्रतिशत की दर से बढ़ा है. कुल खपत में उनका एक तिहाई हिस्सा रहा है. बढ़ती समृद्धि से उपभोक्ताओं के व्यवहार और खर्च के तौर तरीकों में बदलाव आ रहा है जिससे भारत में खपत या उपभोग बढ़ेगा. इसके अलावा भारत में तेजी से बढ़ते शहरों के साथ एकल परिवारों की संख्या बढ़ी है. जानकारों का कहना है कि पहली बार अमीर सबसे बड़े उपभोग खंड का प्रतिनिधित्व करेंगे
(इनपुट एजेंसी से)
07:38 PM IST