Election 2019: CII ने जारी किया 'चुनाव घोषणा-पत्र', 8% इकनॉमिक ग्रोथ का दावा
उद्योग संगठन सीआईआई ने अगले पांच साल में आठ प्रतिशत की औसत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने को लेकर रविवार को राजनीतिक दलों के लिये एक ‘‘चुनावी घोषणा-पत्र का सुझाव’’ प्रस्तुत किया.
करोड़ों लोगों की गरीबी खत्म करने के लिए देश को 8% से अधिक की विकास दर चाहिए (फोटो- Pixabay).
करोड़ों लोगों की गरीबी खत्म करने के लिए देश को 8% से अधिक की विकास दर चाहिए (फोटो- Pixabay).
उद्योग संगठन सीआईआई ने अगले पांच साल में आठ प्रतिशत की औसत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने को लेकर रविवार को राजनीतिक दलों के लिये एक ‘‘चुनावी घोषणा-पत्र का सुझाव’’ प्रस्तुत किया. संगठन ने बयान में कहा कि उसके घोषणापत्र में अगली सरकार के लिये आर्थिक रूपरेखा सुझायी गयी है. सीआईआई के घोषणापत्र में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी संरचना, विनिर्माण, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘‘उद्योग जगत के सदस्यों तथा विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने के बाद हमने 2022 में भारत के 75 साल होने तक देश को आर्थिक ताकत, तकनीकी टिकाउपन और नैतिक नेतृत्व युक्त बनाने के लिये मुख्य सुझाव तैयार किये हैं. हमारा मानना है कि राजनीतिक दल इन सुझावों पर गौर करेंगे और अपने घोषणापत्र में इन्हें शामिल करेंगे.’’
सीआईआई ने कहा कि उसने सभी प्रमुख क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय दलों के साथ अपना घोषणापत्र साझा किया है. उसने कहा, ‘‘सीआईआई ने अगले पांच साल के लिये आठ प्रतिशत की औसत सालाना आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य रखा है.’’ सीआईआई ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों का दायरा दो से तीन प्रतिशत तक लाने और कॉरपोरेट आय कर को बिना किसी छूट के 18 प्रतिशत करने का सुझाव दिया.
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सीआईआई ने चुनावी सुधार को लेकर 2024 से लोकसभा चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव साथ कराने का भी सुझाव दिया. इनके अलावा उसने शिक्षा खर्च बढ़ाकर जीडीपी का छह प्रतिशत करने, व्यावसायिक प्रशिक्षण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने और विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया.
संगठन ने विश्वविद्यालयों को उद्योग जगत से जोड़ने तथा शोध एवं विकास कार्यों पर सरकारी खर्च बढ़ाकर जीडीपी का एक प्रतिशत करने का भी सुझाव दिया. सीआईआई ने कौशल विकास के बारे में पूरे जीवन कौशल बढ़ाने की व्यवस्था और प्रौद्योगिकी पर आधारित नये डिलिवरी मॉडल का भी सुझाव दिया. इनके अलावा संगठन ने स्वास्थ्य पर जीडीपी का तीन प्रतिशत खर्च करने, स्वास्थ्य क्षेत्र को बुनियादी संरचना का दर्जा देने और जच्चा एवं बच्चा की मृत्यु दर को कम करने को शीर्ष प्राथमिकता देने का भी सुझाव दिया.
08:10 PM IST