Budget 2023 Expectations: मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर ये हैं 2 प्रमुख मांग
Budget 2023 Expectations: ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव यानी GTRI ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार को इंपोर्ट ड्यूटी को 5 सालों तक स्थिर रखना चाहिए. इसके अलावा कस्टम ड्यूटी स्लैब को 25 से घटाकर 5 पर लाना चाहिए. इससे कानूनी अड़चनें कम होंगी.
Budget 2023 Expectations: बजट की तैयारी जोर-शोर से जारी है. मंदी का खतरा जिस तरह बढ़ रहा है, उसको देखते हुए सरकार का फोकस ग्रोथ पर रहने की उम्मीद है. ग्रोथ और रोजगार पैदा करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अहम है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (GTRI) ने डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कस्टम ड्यूटी में कम से कम पांच वर्ष तक कोई भी बदलाव नहीं करना चाहिए. जीटीआरआई ने यह भी कहा कि कलपुर्जों पर आयात शुल्क जारी रखा जाना चाहिए, उलट शुल्क के मुद्दों को हल किया जाना चाहिए और कानूनी पचड़ों तथा भ्रम से बचने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी स्लैब को मौजूदा के 25 से घटाकर 5 कर देना चाहिए. इसमें कहा गया कि ये सुझाव चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक माहौल से निपटने के लिए भारत को तैयार करेंगे.
5 सालों के लिए आयात शुल्क में बदलाव नहीं करे सरकार
GTRI ने कहा कि दुनियाभर के देश कठिन वैश्विक परिस्थितियों (Global Economic Crisis) से निपटने के लिए तैयार हो गए हैं और इसके मद्देनजर भारत को पांच साल के लिए आयात शुल्क (Import Duty) में कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा करनी चाहिए. उसने कहा, ‘‘कोई भी बदलाव उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme), चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम और विनिर्माण पहल (manufacturing initiatives) के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है. सरकार को आयात शुल्क घटाने जैसा कदम आर्थिक परिदृश्य साफ होने पर ही उठाने चाहिए.''
देश के भीतर मैन्युफैक्चरिंग जरूरी
जीटीआरआई ने कहा कि सभी इलेक्ट्रॉनिक और जटिल इंजीनियरिंग वाले उपकरणों में हजारों कलपुर्जे होते हैं और भारत एक सच्चा विनिर्माता (Manufacturer) तभी बन सकता है जब कलपुर्जों का निर्माण भी यहां पर हो. उसने कहा, ‘‘लेकिन अगर कलपुर्जों पर शुल्क शून्य होगा तो उनका आयात किया जाएगा और इसके परिणामस्वरूप भारत में अंतिम उत्पादन को बस जोड़ने का ही काम होगा. यह काम करने वाली ज्यादातर कंपनियां प्रोत्साहन खत्म होने के बाद गायब हो जाती हैं.''
भारत में इंपोर्ट ड्यूटी के 26 से अधिक स्लैब्स
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
संस्थान ने कहा कि भारत में शून्य से लेकर 150 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी के 26 से ज्यादा स्लैब हैं जिससे विवाद और कानूनी पचड़े पैदा होते हैं. उसने कहा कि बजट 2023-24 में सरकार को कर स्लैब को घटाकर पांच तक कर देना चाहिए.
(भाषा इनपुट)
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
02:02 PM IST