Budget 2019 : किसानों को मिल सकती है खास सौगात, जानिए क्या होगा फायदा
बजट 2019 (Budget 2019) में प्रधानमंत्री किसान योजना को अधिक तवज्जो मिल सकती है. क्योंकि मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि बाजार में खपत बढ़ाए बिना निवेश नहीं बढ़ेगा.
खपत बढ़ने से मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. (Pti)
खपत बढ़ने से मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. (Pti)
बजट 2019 (Budget 2019) में प्रधानमंत्री किसान योजना को अधिक तवज्जो मिल सकती है. क्योंकि मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि बाजार में खपत बढ़ाए बिना निवेश नहीं बढ़ेगा. खपत बढ़ने से मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. अंतरिम बजट में सरकार ने किसानों को प्रत्यक्ष तौर पर आय सहायता देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान योजना या प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की घोषणा की. इस योजना के तहत प्रतिवर्ष 3 किस्तों में भुगतान के लिए 6 हजार रुपये निर्धारित हैं.
ट्रैक्टर बिक्री में मंदी
ग्रामीण क्षेत्रों में तनाव ट्रैक्टर बिक्री में आई मंदी जैसे कई पहलुओं के कारण भी हैं. यह सामान्य मानसून रहने के पूर्वानुमान के कारण और भी बढ़ सकता है. इसलिए इस समय सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में ध्यान केंद्रित करने का एक बड़ा कारण है.
सीमांत व छोटे किसान
मोदी सरकार ने सीमांत व छोटे किसानों से पहले सभी किसानों के लिए योजना को विस्तार दिया. इसमें अतिरिक्त 12 हजार करोड़ रुपये (शुरुआत में 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक) खर्च होंगे. इसके साथ ही प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना की घोषणा हुई, जिसमें सालाना 35 अरब रुपये का खर्च आएगा.
पर्याप्त धन मिलेगा
सरकार का अगला कदम यह सुनिश्चित करने के लिए होगा कि प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ सभी लाभार्थियों तक पहुंचे. इसके लिए आम बजट में पर्याप्त धन मुहैया कराया जाएगा.
मनरेगा में बढ़ोतरी नहीं
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए पर्याप्त धन पर ध्यान केंद्रित करने का मतलब यह भी हो सकता है कि मनरेगा और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी अन्य सरकारी योजनाओं के आवंटन में कोई बढ़ोतरी न हो.
27 प्रतिशत लाभार्थियों की पहचान
इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री किसान योजना का असर धीमा रहा है. अब तक केवल 27 प्रतिशत लाभार्थियों की पहचान की जा सकी है. यस बैंक की एक रिपोर्ट ने इस संबंध में एक सख्त शीर्षक दिया. इस रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि केंद्र को योजना के तहत भुगतान को आगे बढ़ाने की जरूरत है.
ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग अधिक
योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह अहलूवालिया ने कहा, "इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि ग्रामीण संकट के कारण खपत में कमी आई है. ग्रामीण आय व ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग की प्रवृत्ति अधिक है. मुझे लगता है कि ग्रामीण संकट व अनौपचारिक क्षेत्र के विघटन खपत को प्रभावित किया है और जीडीपी विकास दर में वृद्धि हुई है."
#Budget में सरकारी बीमा कंपनियों की सेहत सुधारने के लिए हो सकता है बड़ा ऐलान।#BudgetWithZEE #Budget2019 @anuragshah710 pic.twitter.com/Lv3GVGyZBV
— Zee Business (@ZeeBusiness) July 4, 2019
वर्तमान मंदी अधिक व्यापक
क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी.के. जोशी ने कहा कि वर्तमान मंदी अधिक व्यापक है, क्योंकि यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को प्रभावित कर रही है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मंदी अधिक व्यापक है.
05:25 PM IST