रुपी मूल्य बॉन्ड जारी कर सकता है ADB, कम होगा फॉरेन एक्सचेंज में वॉलेटिलिटी रिस्क
लोकल करेंसी में फंड जुटाने से फॉरेक्स वॉलेटिलिटी कम होती है. इससे पहले, मल्टी लेटरल फंडिंग एजेंसी एडीबी ने देश में प्रोजेक्ट्स की फंडिंग को लेकर रुपये मूल्य में बॉन्ड जारी कर कोष जुटाया है.
(Image: Reuters)
(Image: Reuters)
एशियाई विकास बैंक (ADB) के अध्यक्ष मसात्सुगु असाकावा ने मंगलवार को कहा कि बैंक रुपये मूल्य में बॉन्ड जारी कर फंड जुटाने के विकल्प पर विचार करेगा. लोकल करेंसी में फंड जुटाने से फॉरेक्स वॉलेटिलिटी कम होती है. इससे पहले, मल्टी लेटरल फंडिंग एजेंसी एडीबी ने देश में प्रोजेक्ट्स की फंडिंग को लेकर रुपये मूल्य में बॉन्ड जारी कर कोष जुटाया है.
असाकावा ने कहा, ‘‘हम फॉरेन एक्सचेंज में उतार-चढ़ाव के रिस्क से बचने के लिये लोकल करेंसी में फंडिंग को बढ़ावा देने को इच्छुक हैं.’’ उन्होंने कहा कि फैसला बाजार कंडीशन, डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करेगा. ADB ने जनवरी 2021 में इंडिया आईएनएक्स के ग्लोबल सिक्युरिटीज मार्केट प्लेटफॉर्म पर 300 करोड़ रुपये मूल्य के 10 साल के मसाला बॉन्ड यानी रुपये मूल्य में बॉन्ड को लिस्टेड कराया था. इंडिया आईएनएक्स इंटरनेशनल सिक्युरिटी मार्केट है. यह गुजरात में इंटरनेशनल फाइनेंशयिल सर्विसेज सेंटर गिफ्ट सिटी में है.
असाकावा ने ADB के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 56वीं AGM की शुरुआत के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारत में अगले पांच साल में 25 अरब डॉलर के निवेश को बोर्ड से मंजूरी मिलना बाकी है. इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा लक्ष्य है... द्विपक्षीय बैठकों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्युएबल्स एनर्जी के विकास के महत्व पर जोर दिया है.’’
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
असाकावा ने फरवरी में अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि देश की तेज, इन्क्लूसिव और ग्रीन ग्रोथ की आंकाक्षा को पूरा करने के लिये एडीबी का अगले पांच साल में 20 से 25 अरब डॉलर का संसाधन देने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारत की आर्थिक ग्रोथ पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगी. इसमें श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं, जो खाद्य और ऊर्जा संकट का सामना कर रहे हैं.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
01:03 PM IST