जायद में उगाएं ये फसल, पाएं बंपर मुनाफा, जानिए खेती का तौर-तरीका और सबकुछ
Makka ki Kheti: भारत में इससे 1000 से ज्यादा उत्पाद तैयार किए जाते हैं. इसलिए मक्के की खेती अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा फायदेमंद है.
Makka ki Kheti: मक्का को दुनिया में खाद्यान्न फसलों की रानी कहा जाता है क्योंकि इसकी उत्पादन क्षमता खाद्यान्न फसलों में सबसे ज्यादा है. मक्का (Maize) को खाने के साथ कुक्कुट आहार, पशु आहार, शराब और स्टार्च के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. भारत में इससे 1000 से ज्यादा उत्पाद तैयार किए जाते हैं. इसलिए मक्के की खेती अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा फायदेमंद है. मक्के की खेती जायद में भी की जाती है. जायद में मक्का की खेती भुट्टो और चारे दोनों के लिए की जाती है.
खेत की तैयारी
मक्का की खेती के लिए पर्याप्त जीवांश वाली दोमट मिट्टी अच्छी होती है. भली-भांति समतल और अच्छी जल धारण शक्ति वाली भूमि मक्का की खेती के लिए बेहतर होती है. पलेवा करने के बाद मिट्टी पलटने वाले हल से 10-12 सेमी. गहरी एक जुताई तथा उसके बाद कल्टीवेटर या देशी हल से दो-तीन जुताइयां करके पाटा लगाकर खेत की तैयारी कर लेनी चाहिए.
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बुवाई का समय
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जिस क्षेत्र में कम बारिश होती है, वहां के किसानों के लिए यह वरदान से कम नहीं है. क्योंकि किसान ज्यादा पानी की जरूरत वाली फसलें नहीं लगा पाते हैं. वहां धान की रोपाई और कटाई देर से होती है. इस कारण रबी मौसम में गेहूं लगाने में देर होता है और उत्पादन कम मिलता है. मक्के की खेती कर जलवायु परिवर्तन के दौर में फसल चक्र सुधारने में मदद मिलेगी और किसानों को अधिक मुनाफा मिलेगा. मक्का की बुवाई के लिए साल में कभी भी खरीफ, रबी और जायद मौसम कर सकते हैं. खरीफ में बुवाई का समय मध्य जून से मध्य जुलाई है. पहाड़ी और कम तापमान वाले क्षेत्रों में मई के अंत से जून के शुरुआत में मक्का की बुवाई की जा सकती है.
20-25 किग्रा. संकुल और 18-20 किग्रा. संकर बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है. बीज को 2.5 ग्राम थीरम या 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम रसायन से प्रति किलो बीज को शोधित करके बोएं. मक्का की बुवाई हल के पीछे उठे हुए बेड पर लाइनों में करें. संकर व संकुल प्रजातियों की बुवाई 60 सेमी. की दूरी पर करनी चाहिए. पौधे से पौधे की दूरी 20-25 सेमी. रखनी चाहिए. मीठी मक्का की बुवाई अन्य प्रजातियों से लगभग 400 मीटर की दूरी पर करना चाहिए.
मक्के की खेती में मुनाफा ज्यादा
मक्का को पीला सोना भी कहा जाता है. एक हेक्टेयर में मक्का की खेती से किसानों को 1.50 लाख रुपये से ज्यादा का नेट मुनाफा मिल सकता है. जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत मक्के की बुवाई की जरूरी है.
03:55 PM IST