हिमाचल मत्स्य विभाग ने CFAR के साथ किया समझौता, किसानों को मिलेंगे जयंती रोहू और कतला प्रजाति के बीज
Fish Farming: एमओयू के तहत, सीफोम ब्रूड मछली आहार तकनीक (Seafoam brood fish feed technology), जयंती रोहू (Jayanti Rohu) और मछली की उन्नत कतला प्रजाति के बीज केंद्रीय मीठाजल जलकृषि अनुसंधान द्वारा हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग को उपलब्ध कराए जाएंगे.
Fish Farming: हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग ने सेंट्रल फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर रिसर्च, भुवनेश्वर के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत राज्य के किसानों को मछली आहार तकनीक और जयंती रोहू (Jayanti Rohu) और उन्नत कतला प्रजाति (Katla species) के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे.
एमओयू के तहत, सीफोम ब्रूड मछली आहार तकनीक (Seafoam brood fish feed technology), जयंती रोहू (Jayanti Rohu) और मछली की उन्नत कतला प्रजाति के बीज केंद्रीय मीठाजल जलकृषि अनुसंधान द्वारा हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग को उपलब्ध कराए जाएंगे.
ये भी पढ़ें- इस 'सुपरफूड' की खेती किसानों को बनाएगी मालामाल, 4 महीने में तैयार हो जाती है फसल
ग्रोथ रेट 15 से 20% ज्यादा
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
मत्स्य विशेषज्ञों ने कहा कि अमूर कार्प (Amur Carp), जयंती रोहू (Jayanti Rohu) और उन्नत कतला प्रजातियों (Katla species) जैसी उन्नत मछली किस्मों की ग्रोथ रेट पारंपरिक प्रजातियों की तुलना में 15 से 20% अधिक है और इन प्रजातियों का पालन करके अधिक आय हासिल की जा सकती है.
मत्स्य विभाग के निदेशक विवेक चंदेल ने कहा कि विभाग किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन का लाभ निकट भविष्य में दिखाई देगा और किसानों की आर्थिक स्थिति में निश्चित रूप से सुधार होगा.
ये भी पढ़ें- Subsidy News: मखाना की खेती पर 29,100 रुपये सब्सिडी दे रही सरकार, आवेदन शुरू
12:01 PM IST