जाने-माने उद्योगपति आदि गोदरेज ने दी ये नसीहत, कहा- ये कदम उठाने पर बढ़ेंगी नौकरियां और डिमांड
Indian economy: सरकार को टैक्स दरें घटाने पर जोर देना होगा. उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री से बैठक के बाद सरकार ने कुछ घोषणाएं तो की हैं लेकिन कई और घोषणाएं करने की अभी जरूरत है.
मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करने से नौकरियां आएंगी और इकोनॉमी के लिए राहत पैकेज जरूरी है. (डीएनए)
मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करने से नौकरियां आएंगी और इकोनॉमी के लिए राहत पैकेज जरूरी है. (डीएनए)
(स्वाति खंडेलवाल की रिपोर्ट)
जाने-माने उद्योगपति आदि गोदरेज ने कहा है कि सरकार कम टैक्स दरों के बाद भी टैक्स कलेक्शन में इजाफा कर सकती है. उन्होंने ऐसा भारतीय अर्थव्यवस्था के मद्देनजर ये बात कही है. जी बिजनेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि इकोनॉमी फिलहाल बुरे दौर से गुजर रही है. इकोनॉमी में सुस्ती के ग्लोबल और घरेलू वजह हैं. ट्रेड वॉर की वजह से ग्लोबल इकोनॉमी पर असर देखने को मिल रहा है. इसके अलावा, BREXIT की वजह से यूरोप में दिक्कतें हैं. गोदरेज का यह ऊी कहना है कि ग्लोबल हालात सुधरने पर ही घरेलू दिक्कतें कम होगी.
गोदरेज का कहना है कि इंडस्ट्री को राहत पैकेज देने की जरूरत है. बजट में सरचार्ज बढ़ाने का गलत फैसला था. FPIs पर टैक्स बढ़ाने से विदेशी निवेश घटा है. उन्होंने कहा कि सरचार्ज बढ़ाने से सेंटिमेंट पर असर पड़ा है. अर्थव्यवस्था को देखते हुए सरकार को जल्द बड़े कदम उठाने होंगे. कदम नहीं उठाने से इकोनॉमी के हालात और बिगड़ेंगे. उन्होंने कहा कि ज्यादा टैक्स से कलेक्शन बढ़ाने की सोच गलत है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
अलग-अलग सेक्टर के लिए उठाने होंगे कदम
इकोनॉमी के साथ-साथ विभिन्न सेक्टर के लिए कदम उठाने होंगे. ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा बुरे हालात हैं. ऑटो बिक्री में 20% से ज्यादा तक की गिरावट है. रियल एस्टेट में भी ध्यान देने की जरूरत है. रियल एस्टेट के सभी सेगमेंट पर ध्यान देना होगा. रियल्टी प्रोजेक्ट को जल्द मंजूरी मिलनी चाहिए. सरकार को टैक्स दरें घटाने पर जोर देना होगा. उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री से बैठक के बाद सरकार ने कुछ घोषणाएं तो की हैं लेकिन कई और घोषणाएं करने की अभी जरूरत है. GDP ग्रोथ का 5% पर आना अच्छी बात नहीं है. जल्द कदम नहीं उठाने पर स्थिति और बिगड़ेगी.
उनका कहना है कि अच्छी कंपनियों को नकदी की समस्या नहीं है. MSMEs, SMEs में नकदी की ज्यादा दिक्कतें हैं. खराब लोन की वजह से बैंकों के हालात बिगड़े हैं. इस वजह से लोन देने को लेकर बैंक काफी सतर्क हो गए हैं. कंपनी रियल्टी कारोबार पर ज्यादा निवेश कर रही है. विस्तार योजनाओं में कोई कमी नहीं आई है. कई प्रोजेक्ट को टेकओवर कर पूरे किए गए हैं. कंपनी का समय पर प्रोजेक्ट पूरे करने पर जोर है. देश में अभी प्राइवेट निवेश काफी कम हो गया है.
मांग पर असर
गोदरेज ने कहा कि इकोनॉमी में सुस्ती का मांग पर असर हुआ है. ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा दबाव दिख रहा है. सेंटिमेंट बिगड़ने से मांग में सुस्ती आई है. हालात में रिकवरी आने पर ही मांग बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि सरकार को टैक्स का दायरा बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए. वॉल्युम बढ़ने से ही टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा. इनकम और कॉरपोरेट टैक्स घटाने की जरूरत है. उनका मानना है कि बजट में टैक्स बढ़ाना सही फैसला नहीं था.
सुधार से ही नौकरियां पैदा होंगी
उनका कहना है कि इकोनॉमी में सुधार से ही नौकरियां पैदा होंगी. ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा छंटनी का खतरा है. मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करने से नौकरियां आएंगी इसके अलावा इकोनॉमी के लिए राहत पैकेज जरूरी है. कमजोर ग्लोबल हालात का कारोबार पर असर हुआ है. अफ्रीका, अर्जेंटीना कारोबार पर सबसे ज्यादा असर हुआ है. उन्होंने कहा कि डिफेंस सेक्टर में कंपनी का फोकस कम होगा. स्पेस सेगमेंट में काफी फोकस बढ़ा है. चंद्रयान-2 में कंपनी के इक्विपमेंट का इस्तेमाल हुआ है.
08:18 PM IST