यदि आप मास्टर या वीजा कार्ड प्रयोग करते हैं तो बढ़ सकता आपका बोझ, ये कंपनियां आएंगी इस दायरे में
वीजा, मास्टरकार्ड व अमेरिकन एक्सप्रेस जैसी दुनिया की बड़ी पेमेंट कंपनियों को भारत में कारोबार से की गई कमाई पर 15 फीसदी तक टैक्स देना पड़ सकता है.
अंतरराष्ट्रीय पेमेंट सॉल्यूशन कंपनियों को भारत में कारोबार पर देना होगा टैक्स (फाइल फाेटो)
अंतरराष्ट्रीय पेमेंट सॉल्यूशन कंपनियों को भारत में कारोबार पर देना होगा टैक्स (फाइल फाेटो)
वीजा, मास्टरकार्ड व अमेरिकन एकसप्रेस जैसी दुनिया की बड़ी पेमेंट कंपनियों को भारत में कारोबार से की गई कमाई पर 15 फीसदी तक टैक्स देना पड़ सकता है. गौरतलब है कि हाल में ही भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से की गई सख्ती के बाद इन कंपनियों को भारत में लेनदेन का डेटा रखने के लिए देश में ही सर्वर लगाने पड़े हैं. यदि यह टैक्स इन कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी जिसका बोझ इन कंपनियों के उपभोक्ताओं पर भी पड़ सकता है. अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
अब तक नहीं देती थीं वीजा और मास्टर कार्ड जैसी कंपनियां
फिलहाल देश में काम कर रही वीजा, मास्टरकार्ड व अमेरिकन एक्सप्रेस जैसी पेमेंट सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाली कंपनियों पर कोई टैक्स नहीं था. अब तक इन कंपनियों ने भारत में कोई बड़ा कार्यालय भी नहीं बनाया था. इन कंपनियों के सर्वर भी अमेरिका और आयरलैंड में लगे हुए थे. भारत में हुए लेनदेन का सारा डेटा वहां स्टोर होता था. भारत में इन कंपनियों का स्थाई कार्यालय न होने और देश के बाहर से यहां कारोबार करने के चलते ये कंपनियां टैक्स के दायरे से बाहर थीं. टैक्स के नियमों के तहत कंपनियों का जहां पर स्थाई इस्टैब्लिशमेंट या कारोबार का स्थल होता है वहां टैक्स देना होता है. ऐसे में ये कंपनियां भारत में कार्यालय न होने का लाभ लेती थीं.
आरबीआई के नियमों से आए टैक्स के दायरे में
भारतीय रिजर्व बैंक की सख्ती के बाद इन कंपनियों ने भारत में अपने सर्वर लगाए. इसके बाद अब इन कंपनियों के सर्वर को देश में इनके कारोबार का स्थाई इस्टैबलिशमेंट माना जा रहा है. ऐसे में विशेषज्ञों के अनुसार ये कंपनियां टैक्स के दायरे में आएंगी.
06:36 PM IST