खाने के तेल की महंगाई हुई बेकाबू, दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर, राहत के आसार कम
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Tue, Dec 22, 2020 05:24 PM IST
Edible oil Price: खाने के तेल (Edible oil) यानी फूड ऑयल (Food oil) की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. यह इस कदर बेकाबू होते जा रहे हैं कि इनके दाम रिकॉर्ड हाई लेवल पर जा पहुंचे हैं. खबर के मुताबिक, फिलहाल इसकी कीमत में नरमी की गुंजाइश नहीं दिख रही है. IANS की खबर के मुताबिक, खाद्य तेल के दाम में तेजी इंटरनेशनल मार्केट में तेल और तिलहनों की डिमांड के मुकाबले सप्लाई कम होने की वजह से आई है. भारत खाद्य तेल की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए करीब दो तिहाई हिस्सा इम्पोर्ट करना पड़ता है. इसी इम्पोर्ट के महंगा होने से तेल के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं.
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एमसीएक्स पर क्रूड पाम तेल का भाव
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सरसों तेल कच्ची घानी का थोक भाव
सरसों तेल कच्ची घानी (Mustard Oil) का थोक भाव सोमवार को जयपुर में 1173 रुपये प्रति 10 किलो, कांडला पोर्ट पर सोया तेल का थोक भाव 1115 रुपये प्रति 10 किलो, आरबीडी का भाव 1010 रुपये 10 किलो, सूर्यमुखी तेल का 1290 रुपये प्रति 10 किलो था. जानकार बताते हैं कि सोयाबीन और आरबीडी सबसे उंचे लेवल पर है जिसका असर दूसरे खाद्य तेल पर भी पड़ रहा है.(रॉयटर्स)
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15 दिनों 100 डॉलर प्रति टन की तेजी
भारत अर्जेंटीना से सोया तेल का इम्पोर्ट करता है. जानकारों का कहना है कि अर्जेंटीना में गर्म मौसम होने से बुवाई में देरी हुआ है. फूड ऑयल मार्केट एक्सपर्ट मुंबई के सलिल जैन ने बताया कि अर्जेंटीना में गर्म मौसम के चलते बुवाई में देरी हुई है और ब्राजील में भी गर्म मौसम के चलते उत्पादन पर असर पड़ सकता है. अर्जेंटीना में मजदूरों की हड़ताल के कारण पेराई बंद होने से सोया तेल के दाम में बीते 15 दिनों 100 डॉलर प्रति टन की तेजी आई. इंटरनेशनल मार्केट में सोयाबीन का भाव 2014 के बाद के हाई लेवल पर है.(रॉयटर्स)
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इस वजह से दाम है आसमान पर
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के चेयरमैन दाविश जैन ने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में दाम तेज होने की वजह से देश में खाद्य तेल के दाम में तेजी देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल नहीं होने के चलते दुनियाभर में इस बार तमाम तिलहनों की पैदावार में कमी आई है जिससे डिमांड के मुकाबले सप्लाई कम है और इससे कीमतें ज्यादा हैं.(रॉयटर्स)
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