विनिर्माण क्षेत्र ने पकड़ी तेज रफ्तार, नौजवानों को मिल रहा है रोजगार
यह लगातार 22वां महीना है जब विनिर्माण पीएमआई 50 अंक से ऊपर रहा है. पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना विनिर्माण गतिविधियों में विस्तार को दर्शाता है.
निक्की इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मई में वृद्धि के साथ 52.7 अंक पर आ गया जो अप्रैल में 51.8 अंक पर था. (प्रतीकात्मक फोटो-Reuters)
निक्की इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मई में वृद्धि के साथ 52.7 अंक पर आ गया जो अप्रैल में 51.8 अंक पर था. (प्रतीकात्मक फोटो-Reuters)
केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद से बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिल रहा है. मांग बढ़ने से कंपनियां अपना उत्पादन लगातार बढ़ा रही हैं. कंपनियों द्वारा अच्छा कारोबार करने से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो रहा हैं. मांग में बढ़ोत्तरी के साथ कंपनियों के उत्पादन बढ़ाने से इस साल मई में देश में विनिर्माण गतिविधियों की रफ्तार में वृद्धि दर्ज की गयी. इससे क्षेत्र में रोजगार भी बढ़े हैं. एक मासिक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.
निक्की इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मई में वृद्धि के साथ 52.7 अंक पर आ गया जो अप्रैल में 51.8 अंक पर था. यह पिछले तीन महीने में इस क्षेत्र में सबसे बेहतर वृद्धि को दर्शाता है.
हालांकि यह लगातार 22वां महीना है जब विनिर्माण पीएमआई 50 अंक से ऊपर रहा है. पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना विनिर्माण गतिविधियों में विस्तार और 50 अंक से नीचे रहना संकुचन को दर्शाता है.
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आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री और इस सर्वेक्षण रपट की लेखिका पॉलियाना डि लीमा ने कहा है, 'मांग बढ़ने के साथ मई में खाली हुई इन्वेंटरी को फिर से भरने के लिए भारतीय कंपनियों ने उत्पादन में बढ़ोत्तरी की है. इससे विनिर्माण गतिविधियां बढ़ी हैं.'
सर्वेक्षण के मुताबिक सामानों के उत्पादकों की धारणा मजबूत होने, नये ऑर्डर में ठोस बढ़ोत्तरी के दम पर क्षेत्र में रोजगार बढ़े हैं.
इस सर्वेक्षण में कहा गया है, 'अप्रैल, 2018 में नौकरियों में लगातार इजाफा दर्ज किया गया है. फरवरी के बाद यह वृद्धि सबसे अधिक है.'
जानकार बताते हैं कि निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ोत्तरी से देश में महंगाई दर भी कंट्रोल रहेगी. लोगों की क्रय क्षमता में इजाफा होगा.
(इनपुट भाषा से)
12:15 PM IST