देश में मकान खरीदना कहां है किफायती, कहां जेब करनी पड़ेगी ज्यादा ढीली; देखें नाइट फ्रैंक की रैंकिंग
Most affordable housing markets: नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स में एक औसत परिवार के लिये आय के अनुपात में EMI (समान मासिक किश्त) को देखा जाता है. इसमें भारत के आठ प्रमुख शहरों में 2010 से लेकर 2021 तक लगातार सुधार देखा गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ आउटलुक, फाइनेंशियल स्टैबिलिटी और जॉब सिक्युरिटी जैसे फैक्टर्स के चलते डिमांड बने रहने की उम्मीद है. (Representational Image)
रिपोर्ट के मुताबिक, मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ आउटलुक, फाइनेंशियल स्टैबिलिटी और जॉब सिक्युरिटी जैसे फैक्टर्स के चलते डिमांड बने रहने की उम्मीद है. (Representational Image)
Most affordable housing markets in India: हर कोई अपने-अपने बजट में किफायती मकान खरीदना चाहता है. देशभर के रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी मार्केट की बात करें, तो कई शहरों में मकान खरीदना काफी महंगा है, जबकि कुछ शहर अफोर्डेबल हाउसिंग के लिहाज से मुफीद है. रीयल एस्टेट कंसल्टेंट फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया (Knight Frank India) ने हाल ही में साल 2022 की पहली छमाही (H1 2022) के लिए अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स जारी किया है. इस रिपोर्ट में कंसल्टेंट फर्म ने देश के शीर्ष आठ शहरों में अफोर्डेबल इंडेक्स का मूल्यांकन किया है. इसमें अहमदाबाद सबसे किफायदी आवास मार्केट है, जिसका रेश्यो 22% है. इसके बाद पुणे और चेन्नई का नंबर 26% रेश्यो के साथ आता है.
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स में एक औसत परिवार के लिये आय के अनुपात में EMI (समान मासिक किश्त) को देखा जाता है. इसमें भारत के आठ प्रमुख शहरों में 2010 से लेकर 2021 तक लगातार सुधार देखा गया है, खासकर महामारी के दौरान, जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट्स को दशक का सबसे कम कर दिया था. हालांकि, रेपो रेट में लगातार दो बार बढ़ोतरी होने से, आरबीआई की ओर से रेपो रेट 90 बीपीएस बढ़ाने के कारण अलग-अलग जारों में घर खरीदने की अफोर्डेबिलिटी औसतन 2% घटी है और ईएमआई का बोझ 6.97% बढ़ा है.
नाइट फ्रैंक इंडिया के CMD शिशिर बैजल ने कहा, ''होम लोन के रेट में 90 बेसिक अंकों की बढ़ोतरी के चलते पिछले दो महीनों में होम अफोर्डेबिलिटी बहुत ज्यादा घट गई है. प्रमुख बाजारों में अफोर्डेबिलिटी औसतन 200-300 बेसिक अंक कम हुई है. हालांकि, रेट में बढ़ोतरी के बावजूद ज्यादातर बाजार अफोर्डेबल हैं. इसके साथ ही होम ओनरशिप ट्रेंड पॉजिटिव है, जिसके चलते डिमांड प्रभावित होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि बाजार में छुपी हुई मांग इसे बूस्ट दे रही है. इसके अलावा मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ आउटलुक, फाइनेंशियल स्टैबिलिटी और जॉब सिक्युरिटी जैसे फैक्टर्स के चलते डिमांड बने रहने की उम्मीद है.''
टॉप-8 शहरों में कैसी है अफोर्डेबिलिटी
सबसे महंगे हाउसिंग मार्केट
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मुंबई
मुंबई देश का सबसे महंगा हाउसिंग मार्केट बना हुआ है. घर खरीदने का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2010 के 93% से सुधरकर 2019 में 66% हुआ था. 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स बेहतर होकर 61% पर पहुंच गया और 2021 में और भी सुधरकर 53% हो गया. 2022 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स अभी 56% पर है.
हैदराबाद
हैदराबाद देश का दूसरा सबसे महंगा आवास बाजार है. घर खरीदने का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2010 में 47% था, जो 2019 में सुधरकर 33% हुआ. 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स सुधरकर 31% हुआ और 2021 में और भी सुधरकर 29% हुआ. 2022 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स अभी 31% पर है.
NCR
2022 की पहली छमाही में एनसीआर देश का तीसरा सबसे महंगा आवास बाजार है. शहर के अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स में साल दर साल उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. घर खरीदने में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2010 के 53% से बेहतर होकर 2019 में 34% हुआ. 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 38% पर पहुंच गया था, लेकिन 2021 में सुधरकर 28% हुआ. 2022 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स अभी 30% पर है.
बेंगलुरू
देश के महंगे आवास बाजारों के मामले में बेंगलुरू का नंबर एनसीआर के बाद आता है और वह भारत का चौथा सबसे महंगा शहर है. घर खरीदने में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2010 में 48% था, जो 2019 में सुधरकर 32% हुआ. 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2020 में और भी बेहतर होकर 28% पर पहुंचा और 2021 में 26% रहा. 2022 की पहली छमाही में अभी शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 28% पर है.
सबसे अर्फोडबल हाउसिंग मार्केट
कोलकाता
कोलकाता देश का तीसरा सबसे अफोर्डेबल हाउसिंग बाजार है. यहां घर खरीदने में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2010 में 45% पर था, जो 2019 में सुधरकर 31% हुआ. 2020 की शुरुआत में महामारी के आने के साथ 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स और भी बेहतर होकर 30% पर पहुंचा और 2021 में 25% हुआ. अभी 2022 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 27% पर है.
पुणे और चेन्नई
अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स के मुताबिक, पुणे और चेन्नई देश के दूसरे सबसे किफायती आवास बाजार हैं.
पुणे: घर खरीदने में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2010 के 39% से सुधरकर 2019 में 28% हुआ. 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स और भी बेहतर होकर 26% पर पहुँचा और 2021 में 24% हुआ. अभी 2022 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 26% पर है.
चेन्नई: घर खरीदने में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2010 के 51% से सुधरकर 2019 में 29% हुआ. 2020 की शुरुआत में महामारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स और भी बेहतर होकर 26% पर पहुंचा और 2021 में 25% हुआ. अभी 2022 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 26% पर है.
अहमदाबाद
अहमदाबाद 2019 से लगातार देश का सबसे किफायती शहर रहा है. घर खरीदने में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2010 के 46% से बेहतर होकर 2019 में 25% पर आया. 2020 की शुरूआत में महमारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स और भी सुधरकर 24% पर रहा और फिर 2021 में 20% पर आया. अभी 2022 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 22% पर है.
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04:54 PM IST