टूरिज्म सेक्टर, तरक्की का फैक्टर: विदेशी धन के मामले में सबसे कमाऊ इंडस्ट्री
लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी के ये शब्द बताने के लिए काफी हैं कि देश की टूरिज्म इंडस्ट्री का देश की तरक्की के लिए क्या महत्व है, वो भी ऐसे समय में जबकि हर तरफ मंदी का शोर है.
हर साल करीब 10 लाख से ज्यादा विदेशी सैलानी घूमने आते हैं. (फोटो: टूरिज्म मंत्रालय)
हर साल करीब 10 लाख से ज्यादा विदेशी सैलानी घूमने आते हैं. (फोटो: टूरिज्म मंत्रालय)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों से 2022 तक 15 पर्यटन स्थलों पर जाने की बात कही है. प्रधानमंत्री में कहा कि भारत के पर्यटन के सुधार में अभी बहुत गुंजाइश है. देश को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अगर घरेलू पर्यटन बढ़ता है तो अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के भी बढ़ने की आशंका है.
लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी के ये शब्द बताने के लिए काफी हैं कि देश की टूरिज्म इंडस्ट्री का देश की तरक्की के लिए क्या महत्व है, वो भी ऐसे समय में जबकि हर तरफ मंदी का शोर है. ऑटो, रियल्टी, मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर में स्लोडाउन चल रहा है. लेकिन, टूरिज्म इंडस्ट्री मजे से आगे बढ़ रही है.
टूरिज्म देश का तीसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा कमाने वाला सेक्टर है. ग्लोबल बिजनेस ट्रैवल एसोसिएशन के मुताबिक, भारत दुनिया का 10वां सबसे बड़ा ट्रैवेल मार्केट है और 2019 के खत्म होते-होते ये छठे नंबर पर आ जाएगा. टूरिज्म सेक्टर रोजगार देने के मामले में भी किसी से पीछे नहीं है. वित्त वर्ष 2017-18 तक इस सेक्टर से 8 करोड़ 11 लाख लोग जुड़े थे, जो अब करीब 10 करोड़ के करीब हैं.
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भारत में टूरिज्म के भी कई आयाम है. यहां सिर्फ सांस्कृतिक विरासतों और ऐतिहासिक धरोहरों के दर्शन नहीं होते. बल्कि इसका पोर्टफोलियो एडवेंचर टूरिज्म, क्रूज टूरिज्म, फिल्म मेकिंग, लग्जरी टूरिज्म, धार्मिक टूरिज्म मेडिकल टूरिज्म और तीर्थ टूरिज्म जैसे दूसरे इवेंट्स तक फैल चुका है. यही वजह है कि हर साल टूरिज्म सेक्टर में सैलानियों की संख्या भी बढ़ रही है.
हर साल करीब 10 लाख से ज्यादा विदेशी सैलानी घूमने आते हैं, और आने वाले सालों में इनकी संख्या बढ़ने का ही अनुमान है. टूरिज्म सेक्टर में संभावनाओं के देखते हुए ही सरकार ने 2020 तक विदेशी सैलानियों की संख्या 2 करोड़ करने का लक्ष्य रखा है, जिससे विदेशी कमाई भी डबल हो जाएगी.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ट्रैवेल एंड टूरिज्म कंपटीटिवनेस रिपोर्ट 2019 के मुताबिक भारत 34वें पायदान पर है, जो कि 2017 में 40वें पर था, भारत अकेला लोअर मिडिल इनकम कैटेगरी वाला देश है जो टॉप 35 में है। टूरिज्म सेक्टर की मांग है कि सरकार अगर इस सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा दे, GST जैसे पहलुओं पर ध्यान दे तो तरक्की और तेज रफ्तार से होगी
आने वाला समय फेस्टीवल सीजन का है, जिसे लेकर भी टूरिस्म सेक्टर में जबरदस्त उत्साह है. अपनी नई-नई योजनाओं के साथ टूरिस्ट को लुभाने के लिए एक बार फिर ये कंपनियां उतर रही हैं और मंदी के इस मौसम में भी आपको सुखद अनुभव वाली यात्रा कराने के लिए तैयार हैं.
टूरिज्म सेक्टर, तरक्की का हमसफर
- देश का तीसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा कमाऊ सेक्टर.
- भारत दुनिया का 10वां सबसे बड़ा ट्रैवेल मार्केट: रिपोर्ट
- 2019 खत्म होते होते ये छठे नंबर पर आ जाएगा: रिपोर्ट
- टूरिज्म सेक्टर रोजगार देने के मामले में भी आगे है.
- 2017-18 तक 8.11 करोड़ सेक्टर से जुड़े हुए थे.
- अब करीब 10 करोड़ लोग टूरिज्म सेक्टर से जुड़े हैं.
टूरिज्म सेक्टर, तरक्की का फैक्टर
- हर साल 10 लाख से ज्यादा विदेशी सैलानी घूमने आते है.
- आने वाले सालों में इनकी संख्या बढ़ने का ही अनुमान है.
- 2020 तक सैलानियों की संख्या 2 करोड़ करने का लक्ष्य.
- विदेशी मुद्रा में कमाई भी डबल होने का अनुमान है.
- ट्रैवेल एंड टूरिज्म कंपटीटिवनेस रिपोर्ट में 34वें नंबर पर.
- टॉप 35 में भारत अकेला लोअर मिडिल इनकम वाला देश.
- सरकार से इंडस्ट्री का दर्जा देने की मांग, GST भी कम करें.
(सुबोध मिश्रा, ज़ी बिज़नेस)
08:16 PM IST