इस दर्रे के रास्ते भारत ने चीन से 5.59 करोड़ का किया आयात, और निर्यात रहा सिर्फ 96.5 लाख रुपये
उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के रास्ते भारत और चीन के बीच इस साल 6.55 करोड़ रुपये से अधिक का सीमा व्यापार हुआ है.
भारत और चीन के बीच व्यापार असंतुलन बढ़ता जा रहा है (फाइल फोटो - डीएनए)
भारत और चीन के बीच व्यापार असंतुलन बढ़ता जा रहा है (फाइल फोटो - डीएनए)
उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के रास्ते भारत और चीन के बीच इस साल 6.55 करोड़ रुपये से अधिक का सीमा व्यापार हुआ है. व्यापार अधिकारी पीएस कुटियाल ने बताया कि दोनों देशों के बीच सीमा के रास्ते इस साल 6.55 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ है. इसमें भारतीय व्यापारियों ने चीन से 5.59 करोड़ रुपये का आयात किया. इसी तरह भारत से निर्यात 96.5 लाख रुपये का रहा. कारोबार किया.
दोनों देशों के बीच इस रास्ते से सीमा व्यापार पश्चिमी तिब्बत क्षेत्र में स्थित ताकलाकोट मार्ट (बाजार) में जून से अक्टूबर के बीच होता है. व्यापार अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष भारत की ओर से 70 व्यापारी और 174 सहायक व्यापार के सलसिले में चीन के ताकलाकोट मार्ट गए थे.
भारत और तिब्बत के व्यापारियों के बीच व्यापार का यह सदियों पुराना रास्ता है. 1962 की लड़ाई के बाद यह मार्ग बंद हो गया था. पर सीमावर्ती गावों में व्यापार और बाजार को प्रोत्साहित करने के लिए इसे 1992 में पुन: खोला गया.
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भारतीय व्यापारी ज्यादातर चाय, काफी, गुड़, चीनी की कैंडी, तंबाकू के उत्पाद, प्रसाधन सामग्री का निर्यात करते हैं और वहां से तिब्बती ऊन, सिल वस्त्र, जूते और सीमेंट आदि का आयात करते हैं.
06:50 PM IST