यहां के किसानों को प्याज की बिक्री पर मिलेगी प्रति क्विंटल 200 रुपये की सब्सिडी, किसान असंतुष्ट
किसानों की दशा इतनी खराब है कि वह प्याज के फसल को 100 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचने को मजबूर हैं. यह दाम उनकी लागत से काफी कम है.
शोध के आंकड़ों के मुताबिक, प्याज की कीमत किसानों को 850 रुपये प्रति क्विंटल मिलनी चाहिए.
शोध के आंकड़ों के मुताबिक, प्याज की कीमत किसानों को 850 रुपये प्रति क्विंटल मिलनी चाहिए.
किसान फिलहाल भारतीय राजनीति के मुद्दों में छाए हुए हैं. इसी का असर है कि महाराष्ट्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए एक विशेष पेशकश की. महाराष्ट्र कैबिनेट ने प्याज किसानों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी को मंजूरी दी है. किसानों की दशा इतनी खराब है कि वह प्याज के फसल को 100 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचने को मजबूर हैं. यह दाम उनकी लागत से काफी कम है.
किसानों को राहत देने की कोशिश
कॉपरेटिव और मार्केटिंग फेडरेशन मंत्री सुभाष देशमुख ने कहा कि पूर्व में प्याज को देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने के लिए 30,000 रुपये से 75,000 रुपये तक की फ्रेट सब्सिडी की पेशकश की गई थी, हालांकि यह फ्रेट सब्सि़डी किसानों को राहत पहुंचाने में नाकाम रही. इसलिए सरकार ने प्रति क्विंटल प्याज की बिक्री पर 200 रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया है. इस सब्सिडी को पाने के लिए किसानों से 1 नवंबर से 15 दिसंबर 2018 के बीच प्याज को कृषि उत्पादन बाजार समितियों (APMC) में बेचने की बात कही गई थी.
सब्सिडी 200 क्विंटल बिक्री तक
यह सब्सिडी 200 क्विंटल तक प्याज की बिक्री के लिए उपलब्ध है. दो महीने पहले राज्यभर में तीन लाख टन प्याज का स्टॉक जमा हो गया था. देशमुख ने कहा कि सरकार इस मद में 150 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लेकर चल रही है. देशमुख ने कहा कि सरकार इस कोशिश में भी है कि बचा हुआ प्याज भी सही दाम पर बिक जाए.
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यह सब्सिडी पर्याप्त नहीं
महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इस सब्सिडी की घोषणा से किसान संतुष्ट नहीं हैं. एशिया में प्याज का सबसे बड़ा बाजार लासेलगांव प्याज मार्केट के चेयरमैन नानासाहेब पाटिल ने कहा कि सरकार की यह सब्सिडी पर्याप्त नहीं है. डीएनए की खबर के मुताबिक, उनका कहना है कि शोध के आंकड़ों के मुताबिक, प्याज की कीमत किसानों को 850 रुपये प्रति क्विंटल मिलनी चाहिए, लेकिन उन्हें मात्र 50-100 रुपये प्रति क्विंटल ही मिल पा रहा है. उनका कहना है कि किसानों को कम से कम उनकी लागत भी तो मिलनी ही चाहिए.
03:19 PM IST