डीप फ्रीजर और हल्के कॉमर्शियल एयर कंडीशनर भी स्टार रेटिंग के दायरे में आएंगे, बचेगी बिजली
BEE star rating: केवल इन दो प्रकार के बिजली यंत्रों के इस्तेमाल में 2030 तक कुल 9 अरब यूनिट बिजली की बचत हो सकती है. यह 77 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के बराबर है. अभी इनके लिए यह लेबलिंग स्वैच्छिक रखी गई है.
हल्के कॉमर्शियल एसी के मामले में 2.8 अरब यूनिट बिजली बचत का अनुमान है.
हल्के कॉमर्शियल एसी के मामले में 2.8 अरब यूनिट बिजली बचत का अनुमान है.
BEE star rating: बिजली मंत्रालय (Ministry of Power) के अधीन आने वाला ब्यूरो ऑफ इनर्जी एफिशिएंसी (BEE) ने सोमवार को डीप फ्रीजर और हल्के कॉमर्शियल एयर कंडीशनर को स्टार लेबलिंग यानी स्टार रेटिंग कार्यक्रम के दायरे में लाने की घोषणा की. स्टार लेबल के माध्यम से उपकरण विनिर्माता यह बताता है कि उसका कोई उपकरण बिजली खर्च के हिसाब कितना किफायती है. इससे केवल इन दो प्रकार के बिजली यंत्रों के इस्तेमाल में 2030 तक कुल 9 अरब यूनिट बिजली की बचत हो सकती है. यह 77 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के बराबर है. अभी इनके लिए यह लेबलिंग स्वैच्छिक रखी गई है.
डीप फ्रीजर का उपयोग खाने-पीने का सामान, फल, सब्जी जैसे पदार्थों के लंबे समय तक संरक्षित रखने में होता है. वहीं हल्के वाणिज्यिक एयर कंडीशनर के अंतर्गत 3 टन से 5 टन तक के क्षमता के एसी आते हैं. पीटीआई की खबर के मुताबित, बीईई के 19वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बिजली सचिव एस एन सहाय ने इन उपकरणों को स्टार रेटिंग कार्यक्रम के दायरे में लाने की घोषणा की.
फिलहाल डीप फ्रीजर के लिये स्टार रेटिंग स्वैच्छिक होगा और ऊर्जा खपत मानदंड 31 दिसंबर 2021 तक प्रभावी होगा. वहीं हल्के कॉमर्शियल एयर कंडीशनर के लिये यह दो मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2021 तक स्वैच्छिक होगा. उसके बाद बाजार की स्थिति का आकलन कर इन उपकरणों के लिये स्टार रेटिंग कार्यक्रम को जरूरी बनाया जाएगा.
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स्टार लेबलिंग कार्यक्रम बीईई का एक प्रमुख ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम है. संस्थान के अनुसार जहां डीप फ्रीजर को स्टार रेटिंग कार्यक्रम में लाने से 2030 तक 6.2 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी वहीं हल्के कॉमर्शियल एसी के मामले में 2.8 अरब यूनिट बिजली बचत का अनुमान है. यानी कुल मिलाकर इससे 9 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी. यह कार्बन उत्सर्जन में 77 लाख टन की कमी लाये जाने के बराबर है.
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इस कार्यक्रम के तहत अबतक कुल 26 उपकरण आ चुके हैं. कमरों में उपयोग होने वाले एसी, फ्रास्ट फ्री रेफ्रिजरेटर ट्रांसफर्मर जैसे 10 उपकरणों पर यह नियम जरूरी हैं जबकि पंप सेट, सीलिंग पंखे, एलपीजी स्टोव जैसे उपकरण स्वैच्छिक योजना के अंतर्गत आते हैं.
05:25 PM IST