ग्राहकों से कितना चार्ज वसूलें पेमेंट प्रोवाइडर, RBI कर रहा डिसकस, राय आप भी दे सकते हैं, ये रहा प्रोसेस
भारतीय रिजर्व बैंक पेमेंट सिस्टम के चार्जेज की समीक्षा कर रहा है. इसे लेकर RBI ने एक डिस्क्शन पेपर जारी किया है. ग्राहकों की ओर से रिजर्व बैंक (RBI) को पारदर्शिता में कमी की शिकायतें मिल रही थीं.
(Source: Reuters)
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RBI on Payment System: रिजर्व बैंक ने पेमेंट सिस्टम के चार्जेज की समीक्षा के लिए एक डिस्क्शन पेपर जारी किया है. जिसमें फोकस इस पर है कि किस तरह से पेमेंट सिस्टम में लगने वाले चार्जेज में पारदर्शिता लाई जाए और क्या क्या उपाय और किए जाएं. पेमेंट सिस्टम के चार्जेज की समीक्षा के दायरे में RTGS, NEFT, UPI और डेबिट, क्रेडिट कार्ड, PPI आदि शामिल हैं.
ग्राहक का भला हो, कंपनियां भी खर्च निकाल सकें
ग्राहकों की ओर से रिजर्व बैंक (RBI) को पारदर्शिता में कमी की शिकायतें मिल रही थीं. रिजर्व बैंक का इस मामले में नजरिया ये है कि पेमेंट सिस्टम के चार्जेज़ वाजिब भी रहें साथ ही कंपनियों की भी इतनी कमाई हो कि उनके खर्चों की भरपाई हो सके. डिस्कशन पेपर में कन्विनिएंस फीस, सरचार्ज, MDR और IMPS पर लगने वाले चार्जेज को लेकर सवाल पूछा गया है और फीडबैक देने को कहा गया है.
प्रति टिकट के हिसाब से फीस लेना कितना जायज?
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रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डिस्कशन पेपर में इस मुद्दे को भी उठाया गया है एग्रीगेटर कई बार प्रति सीट या टिकट के हिसाब से फीस वसूलते हैं. जबकि देखा जाए तो ट्रांजैक्शन एक ही होता है. ऐसा कई बार एयरलाइंस के टिकट बुकिंग या फिर फिल्मों या इवेंट के टिकट या सीट की बुकिंग के समय होता है. क्योंकि ग्राहकों की इसको लेकर शिकायत थी कि ऐसे ट्रांजैक्शन पर कन्विनिएंस फीस में ट्रांसपैरेंसी नहीं है. रिजर्व बैंक ने ये भी पूछा है कि क्या ट्रांजैक्शन चार्जेज फिक्स होने चाहिए या फिर ट्रांजैक्शन वैल्यू के मुताबिक हो. रिजर्व बैंक इस पर भी राय जानना चाहता है कि क्या NEFT की सुविधा पर रिजर्व बैंक को बैंकों से चार्ज लेना चाहिए साथ ही में क्या बैंकों को भी छूट दी जाए कि वो ग्राहकों से NEFT के बदले फीस ले सकें. डिस्कशन पेपर में इस पर भी सवाल है कि क्या मर्चेंट्स को ग्राहकों पर सरचार्ज लगाने की छूट होनी चाहिए.
क्या UPI के सौदों पर चार्जेज लगें?
क्या मर्चेंट को उतना ही चार्ज लेना चाहिए जितना कि उसकी लागत है? इस पर भी सवाल पूछा गया है कि क्या डिजिटल पेमेंट चार्जेज पर कोई रेगुलेटरी कंट्रोल रखा जाना चाहिए या फिर बाजार को खुद इसे तय करना चाहिए. साथ ही ये भी पूछा है कि UPI के सौदों पर चार्ज लगाना चाहिए अगर हां तो उसे RBI खुद रेगुलेट करे या फिर बाजार पर छोड़ दिया जाए. रिजर्व बैंक ने ये भी जानना चाहा है कि क्या क्रेडिट कार्ड पर MDR के चार्जेज वाजिब हैं या और क्या इसे रिजर्व बैंक को रेगुलेट करने की जरूरत है? IMPS के चार्जेज को भी क्या रिजर्व बैंक को रेगुलेट करना चाहिए या फिर इसकी कोई ऊपरी सीमा तय की जानी चाहिए.
कैसे पहुंचाएं रिजर्व बैंक तक अपनी राय
रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों, बाकी हितधारकों से 3 अक्टूबर तक राय देने के लिए कहा है. मिले सुझावों के आधार पर फिर अंतिम नियम बनाए जाएंगे. रिजर्व बैंक ने डिस्कशन पेपर में साफ किया है कि उसका इरादा किसी चीज की कोई सीमा तय करने या कंट्रोल लगाने का नहीं है बल्कि जो सुझाव आएंगे उन पर विचार कर अंतिम फैसला लिया जाएगा. अपनी राय dpssfeedback@rbi.org.in पर भेज सकते हैं . जो भी सुझाव दें उसके पीछे ठोस वजह देना अच्छा रहेगा.
11:01 AM IST