ATM से कैश निकालने की कितनी है फ्री लिमिट? जानिए RBI के नियम
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Wed, Aug 11, 2021 03:41 PM IST
अक्सर ऐसा होता है कि हम ATM में कैश निकालने जाते हैं और मशीन में कैश ही नहीं होता है. ATM का एक पहलू यह भी है कि कई बार हमें एटीएम से कैश निकालने के लिए एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ जाता है. ऐसा तब होता है, जब हम फ्री विड्रॉल लिमिट से बाद ट्रांजैक्शन करते हैं. इसलिए यह जानना जरूरी है कि अभी हम किन जगहों पर एटीएम से कितना फ्री ट्रांजैक्शन कर सकते हैं और लिमिट के बाद कितना चार्ज देना पड़ेगा.
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अपने बैंक ATM से 5 फ्री ट्रांजैक्शन
RBI के नियमों के मुताबिक, कस्टमर अपने बैंक के किसी भी ATM से हर महीने पांच फ्री ट्रांजैक्शन (फाइनेंशियल एंड नॉन फाइनेंशियल) कर सकता है. छह मेट्रो शहरों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में दूसरे बैंकों के एटीएम से तीन फ्री ट्रांजैक्शन (फाइनेंशियल एंड नॉन फाइनेंशियल) की लिमिट है. छोटे शहरों के लिए दूसरे बैंकों के एटीएम से 5 फ्री विड्रॉल लिमिट है.
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फ्री लिमिट के बाद कितना चार्ज
बैंकों के एटीएम से तय फ्री लिमिट से ज्यादा बार पैसा निकालने पर बैंक चार्ज वसूलते हैं. अभी लिमिट के बाहर प्रति कस्टमर प्रति ट्रांजैक्शन चार्ज 20 रुपये प्लस जीएसटी है. इसका मतलब कि अगर आप अपने बैंक या दूसरे बैंक के एटीएम से फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट के बाद लेनदेन करते हैं, तो आपको प्रति ट्रांजैक्शन यह चार्ज देना होगा.
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1 जनवरी 2022 से बढ़ जाएंगे चार्ज
हाल ही में RBI ने बैंकों को अगले साल से एटीएम के जरिये तय फ्री मंथली लिमिट से ज्यादा बार कैश निकालने या दूसरे लेन-देन करने को लेकर फीस बढ़ाने की परमिशन दे दी है. इसके तहत बैंक कस्टमर 1 जनवरी, 2022 से अगर फ्री विड्रॉल से ज्यादा बार लेन-देन करते हैं, तो उन्हें प्रति ट्रांजेक्शन 21 रुपये प्लस जीएसटी देना होगा. बढ़ा हुआ शुल्क 1 जनवरी, 2022 से लागू होगा.
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इंटरचेंज शुल्क भी बढ़ा
RBI के एक सर्कुलर के मुताबिक, 1 अगस्त, 2021 से प्रति फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन ‘इंटरचेंज शुल्क’ 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये और नॉन फाइनेंशियल लेन-देन के मामले में 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दी गई है. एटीएम लगाने की बढ़ती लागत और एटीएम मेन्टेनेंस खर्च में बढ़ोतरी को देखते हुए शुल्क बढ़ाने की मंजूरी दी गई. बैंक अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए एटीएम लगाते हैं. साथ ही दूसरे बैंकों के ग्राहकों को भी इसके जरिये सेवाएं दी जाती हैं. निर्धारित सीमा से ज्यादा इस्तेमाल के बदले में वे शुल्क लेते हैं जिसे इंटरचेंज फी कहते हैं.
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