क्या बैंकों में रखा आपका पैसा सेफ है? RBI अगर बैंक बंद कर दे तो क्या होगा? देखें Video
क्या आपका पैसा सुरक्षित है? क्या आप अपने पैसे को लेकर सिर्फ बैंकों पर भरोसे करते हैं. क्या बैंकों में पैसा रखने को लेकर आप आंख बंद करके विश्वास कर लेते हैं.
सरकारी बैंकों से लेकर प्राइवेट और को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के हालात भी ऐसे ही हैं.
सरकारी बैंकों से लेकर प्राइवेट और को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के हालात भी ऐसे ही हैं.
क्या आपका पैसा सुरक्षित है? क्या आप अपने पैसे को लेकर सिर्फ बैंकों पर भरोसे करते हैं. क्या बैंकों में पैसा रखने को लेकर आप आंख बंद करके विश्वास कर लेते हैं. जी हां, ज्यादातर लोग यही मानते हैं कि बैंकों में रखा पैसा पूरी तरह सुरक्षित है. लेकिन, हकीकत में क्या ऐसा है? क्या वाकई में बैंकों में पैसा सुरक्षित रहता है? आमतौर पर इस सवाल से लोग दूर ही रहते हैं लेकिन, अगर कोई ऐसी खबर आए तो लोग अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर सवाल करने लगते हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने PMC बैंक यानी पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक पर 6 महीने के लिए कामकाज पर पाबंदी लगा दी है. बैंक पर पाबंदी लगने का असर इसके ग्राहकों पर भी पड़ा है. बैंक के ग्राहक अपना ही पैसा नहीं निकाल पाएंगे. ग्राहक सिर्फ 1000 रुपए तक ही बैंक डिपॉजिट से पैसा निकाल सकते हैं. लेकिन, यह हाल सिर्फ PMC बैंक का नहीं है. ये हाल देश के ज्यादातर बैंकों का है. सरकारी बैंकों से लेकर प्राइवेट और को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के हालात भी ऐसे ही हैं. सवाल घूम फिरकर वही आता है कि क्या ग्राहकों का पैसा सेफ है?
ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने इस मुद्दे पर एक्सपर्ट्स के साथ डिस्कशन किया. अनिल सिंघवी ने कहा बैंकों मतलब सेफ्टी, लोग आंख बंद करके पैसा निवेश कीजिए. भारत में लोग गोल्ड, प्रॉपर्टी और उसके बैंक की एफडी में सबसे ज्यादा निवेश करते हैं. लेकिन, क्या बैंकों में लगा पैसा आंख बंद करके सेफ मान लेना सही है? देना बैंक के पूर्व एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर रमेश सिंह के मुताबिक, एक दो मामलों को छोड़ दें तो ये सही धारणा है कि बैंकों में पैसा सुरक्षित है. रमेश सिंह के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सब्सिडियरी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत बैंक डिपॉजिट पर इंश्योरेंस होता है. ग्राहकों को हर अकाउंट के लिए 1 लाख रुपए तक बीमा किया जाता है. यह कहना गलत है कि बैंकों में पैसा सेफ नहीं है.
पब्लिक सेक्टर बैंक का इतिहास है कि वहां कोई बैंक इस तरह से फेल नहीं हुआ है. लेकिन, को-ऑपरेटिव और नॉन-शेड्यूल्ड बैंक ज्यादा रिस्की है. अगर ज्यादा ब्याज लेने के लिए को-ऑपरेटिव बैंक में पैसा लगाते हैं तो 1 लाख रुपए से ऊपर पैसा सेफ नहीं है. अगर बैंक को बंद करने की नौबत आती है तो सबसे पहले को-ऑपरेटिव बैंकों को ही बंद किया जाता है. इसलिए ये ज्यादा खतरनाक है.
RBI बंद कर दे बैंक तो क्या होगा?
अगर किसी दिन आरबीआई कोई कड़ा कदम उठाते हुए किसी बैंक को बंद करने का फैसला लेता है तो उस स्थिति में डिपॉजिट होल्डर आपके पास क्या राइट हैं. लेगासिस सर्विसेज के फाउंडर पार्टनर सुहास तुलजापुरकर के मुताबिक, आरबीआई डायरेक्टिव देती है वहां सेक्शन 35 के तहत कुछ रिस्ट्रिक्शन आते हैं. ये रिस्ट्रिक्शन पब्लिक इंट्रस्ट में लिए जाते हैं. किसी भी तरह की अनियमियतता के केस में आरबीआई के पास सेक्शन 35 के तहत बैंक का लाइसेंस रद्द करने का अधिकार है. इसलिए सिर्फ 1 लाख रुपए तक इंश्योर्ड होता है. अगर बैंक बंद हो जाता है तो ये इंश्योरेंस का पैसा लोगों को मिलेगा.
1993 का है इंश्योरेंस का कानून
बैंक डिपॉजिट पर 1 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस का कानून 25 साल पुराना है. 1993 में आरबीआई ने यह रकम तय की थी. लेकिन, क्या 25 साल बाद इसे रिवाइज नहीं करना चाहिए. अब मामला यह है कि को-ऑपरेटिव बैंक में रिस्क होता है. लेकिन, इस रिस्क के लिए कोई इंश्योरेंस होता है और इसकी सीलिंग होती है. 1 लाख का इंश्योरेंस की सीलिंग को रिवाइज किया जाना चाहिए. यह बहुत पुरानी सीलिंग हैं.
आरबीआई ने क्यों नहीं बताता नियम?
अनिल सिंघवी ने पूछा कि आरबीआई सभी ग्राहकों को क्यों नहीं बताता कि आपका बैंक में 1 लाख तक का ही डिपॉजिट सेफ है? सुहास तुलजापुरकर ने कहा आरबीआई किसी को-ऑपरेटिव बैंक को प्रोमोट नहीं करता. बल्कि को-ऑपरेटिव बैंकों को कमर्शियल बैंक में कन्वर्ट करने की प्लानिंग है.
10:19 AM IST