छोटे बैंकों का हो सकता है निजीकरण, सरकार अपना हिस्सा बेचने पर कर रही है विचार
सरकार को अपनी कई योजनाओं के लिए फंड की जरूरत है. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास उन योजनाओं में प्रमुख है. इसलिए सरकार छोटे बैंक जो कमजोर हैं, उनमें अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है.
सरकार को ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए बड़े फंड की जरूरत है, इसलिए छोटे बैंकों से अपनी हिस्सेदारी कम करने पर विचार किया जा रहा है.
सरकार को ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए बड़े फंड की जरूरत है, इसलिए छोटे बैंकों से अपनी हिस्सेदारी कम करने पर विचार किया जा रहा है.
सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की स्थिति को मजबूत करने लिए सरकार उनमें निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने पर विचार कर रही है. जानकार बताते हैं कि सरकार जल्द ही छोटे सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेचने का फैसला कर सकती है.
माना जा रहा है कि छोटे बैंक जो कमजोर हैं, सरकार उनमें अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है. सरकार को अपनी कई योजनाओं के लिए फंड की जरूरत है. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास उन योजनाओं में प्रमुख है.
20 जून को होगा फैसला
20 जून को वित्त मंत्री एक बैठक करने जा रहे हैं, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है. जानकार बताते हैं अगर बैंकों में हिस्सेदारी बेचने पर कोई फैसला होता है तो आगामी 5 जुलाई को संसद में पेश होने वाले बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है.
सरकार जल्द ही छोटे सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेचने का फैसला कर सकती है, जानिए क्या है सरकार का प्रस्ताव और किन बैंकों में बिक सकती है सरकारी हिस्सेदारी?@poojat_0211 @AnilSinghviZEE pic.twitter.com/r7qdoEhh89
— Zee Business (@ZeeBusiness) 18 जून 2019
TRENDING NOW
छोटे सरकारी बैंकों की बात करें तो सेंट्रल बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आईओबी, यूनाइटेड बैंक और यूको बैंक ऐसे बैंक हैं जिनमें माना जा रहा है कि सरकार अपनी हिस्सेदारी का कुछ भाग निजी क्षेत्र को बेच सकती है.
छोटे बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का कुल एनपीए 19.29 फीसदी है और इसमें सरकार की हिस्सेदारी 91.20 फीसदी है. कॉर्पोरेशन बैंक में सरकारी हिस्सेदारी 93.5 फीसदी और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में सरकारी हिस्सा 87.70 फीसदी का है. आईओबी में सरकार का भाग 92.5 फीसदी, यूनाइटेड बैंक में 96.80 और यूको बैंक में 93.30 फीसदी सरकारी हिस्सेदारी है.
बैंकों की हिस्सेदारी बेचकर जो पैसा इकट्ठा होगा उसे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास पर खर्च किया जाएगा. खासकर ग्रामीण लोगों के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए सरकार को बड़े बजट की जरूरत है.
11:41 AM IST