इस सरकारी बैंक पर भारी पड़ी पति-पत्नी की अनबन, जानिए क्यों देना पड़ा 10000 रुपये का हर्जाना?
बैंक में किसी भी खाताधारक के एकाउंट की जानकारी गोपनीय होती है, लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें बैंक ने पति की सहमति के बिना उसके बैंक एकाउंट की डिटेल उनकी पत्नी को दे दिया.
पति-पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद चल रहा था (फोटो- Pixabay)
पति-पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद चल रहा था (फोटो- Pixabay)
बैंक में किसी भी खाताधारक के एकाउंट की जानकारी गोपनीय होती है, लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें बैंक ने पति की सहमति के बिना उसके बैंक एकाउंट की डिटेल उनकी पत्नी को दे दिया. अब एक उपभोक्ता अदालत ने इस गलती के लिए बैंक को 10000 रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया गया है.
समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अहमदाबाद की जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) से कहा है कि वो खाताधारक को 10,000 रुपये का हर्जाना दे. ये मामला आईओबी की सरदार नगर ब्रांच का है. बैंक के खाताधारक दिनेश पमनानी ने उनकी सहमति के बिना पत्नी को बैंक एकाउंट स्टेटमेंट देने के खिलाफ उपभोक्ता अदालत में शिकायत की थी.
क्या था पूरा मामला?
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पमनानी ने अदालत में दलील दी कि उनका अपनी पत्नी के साथ फैमिली कोर्ट में वैवाहिक विवाद चल रहा है और उनकी पत्नी कोर्ट में अपने फायदे के लिए उनके एकाउंट की डिटेल दे सकती हैं. उन्होंने कहा कि बैंक के निर्णय से उन्हें घोर निराशा हुई और मानसिक पीड़ा पहुंची.
पमनानी को पिछले साल छह मई के दिन अपने फोन पर मैसेज मिला कि उनके खाते से 103 रुपये काटे गए हैं. दो दिन बाद जब उन्होंने इस बारे में बैंक से पूछताछ की तो पता चला कि बैंक स्टेटमेंट के लिए ये चार्ज लिया गया है. ये बैंक स्टेटमेंट उनकी पत्नी को दिया गया था.
पमनानी ने बैंक की इस कार्रवाई का विरोध किया और कहा कि उन्होंने अपनी पत्नी को ऐसी कोई अथॉरिटी नहीं दी है, जिसके आधार पर वो उनके बैंक एकाउंट का स्टेटमेंट ले सकें. उन्होंने उपभोक्ता अदालत में गुहार लगाते हुए बैंक पर सेवाओं में लापरवाही का आरोप लगाया. उपभोक्ता अदालत ने उनके शिकायत को जायज मानते हुए बैंक से उन्हें हर्जाने के तौर पर 10,000 रुपये देने का आदेश दिया.
01:48 PM IST