क्रेडिट कार्ड लेने से पहले समझें आपके काम की ये 6 बातें, होगा फायदा ही फायदा
अक्सर बैंक ग्राहकों के पास क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कॉल आते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अक्सर क्रेडिट कार्ड के लिए किया गया कॉल फर्जी हो सकता है.
कई बार ऑफर को पूरी तरह से समझ बगैर ही कार्ड के अप्लाई कर देते हैं.
कई बार ऑफर को पूरी तरह से समझ बगैर ही कार्ड के अप्लाई कर देते हैं.
अक्सर बैंक ग्राहकों के पास क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कॉल आते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अक्सर क्रेडिट कार्ड के लिए किया गया कॉल फर्जी हो सकता है. साथ ही क्या गारंटी होती है कि क्रेडिट कार्ड ऑफर करने वाला बैंक का ही मेंबर है. ऐसे में अगर आपको क्रेडिट कार्ड बनवाना है और आपके पास कोई कॉल आता है तो उससे कुछ सवाल आपको पूछने चाहिए. ये सवाल पूछने से आपकी काफी समस्या हल हो सकती है और आगे परेशानी नहीं आएगी.
एग्जिक्यूटिव से मांगे ऑफर का प्रूफ
अगर आपके पास भी क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कॉल आया है तो सबसे पहले उन ऑफर्स पर ध्यान दें जो कि वह आपको देने की बात कर रहा है. कई बार ऑफर को पूरी तरह से समझ बगैर ही कार्ड के अप्लाई कर देते हैं. बाद में पता चलता है कि जो ऑफर दिया गया है वह आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग में फिट नहीं है. क्या आपको भी कार्ड पूरी तरह चार्ज फ्री बताया गया है. मतलब कोई एनुअल फीस नहीं. अगर हां तो उससे इसका प्रूफ जरूर मांगे और ऑफर की लिखित कॉपी भी लें. क्योंकि, वो सिर्फ ऐसा कहकर आपको लालच देते हैं. जबकि बाद में स्टेटमेंट के साथ चार्ज लगकर आता है.
समझें आपको कौन सा कार्ड चाहिए
बैंक एग्जिक्यूटिव का एक ही मकसद होता है. कैसे वो ग्राहक को कार्ड बेच सकता है. इसमें तरह-तरह के ऑफर बताए जाते हैं. लेकिन, आपको पता होना चाहिए कि ऑफर से अलग आपको कौन सा कार्ड चाहिए, जो आपके लिए फायदेमंद है. मान लीजिए आपको एक शॉपिंग कार्ड चाहिए, जिसमें शॉपिंग पर अच्छे रिवॉर्ड्स मिलते हों, लेकिन कार्ड बेचने वाला शख्स आपको एक लाइफस्टाइल कार्ड के बजाए माइल्स या फिर दूसरा कार्ड बेच रहा है, तो वो आपके लायक कार्ड नहीं है. क्योंकि, आप उसका फायदा नहीं उठा पाएंगे.
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जल्दबाजी में हस्ताक्षर न करें
अगर आपको कार्ड चाहिए फिर भी इसमें जल्दबाजी न करें. सिर्फ ऑफर्स को सुनकर ही कार्ड के अप्लाई नहीं करना चाहिए. अक्सर आपने सुना होगा कि बैंक की ओर से किए गए फोन पर वह अपने एग्जिक्यूटिव को भेजने की बात करते हैं. आपकी ओर से इशारा मिलते ही वो प्रोसेस शुरू कर देते हैं. लेकिन, आप सहमत न हो तब तक एग्जिक्यूटिव को डॉक्यूमेंट्स कलेक्शन के लिए नहीं बुलाना चाहिए. बैंक पहले आपकी क्रेडिट हिस्ट्री चेक करता है. इसी को हार्ड इन्क्वायरी कहा जाता है. ऐसे में हर नई हार्ड इन्क्वायरी के बाद आपका क्रेडिट स्कोर कम होता जाता है. यह प्रक्रिया तब शुरू होती है जब आप क्रेडिट कार्ड के आवेदन पर हस्ताक्षर कर देते हैं. ऐसे में जब आप तय कर लें कि यह कार्ड आपके लिए सही है तभी किसी भी कागज पर हस्ताक्षर करें.
चेक करें सालाना और रिन्युअल चार्ज
आपको ऑफर मिलेगा कि क्रेडिट कार्ड लाइफ टाइम फ्री है. इसका मतलब है कि आपको कार्ड के लिए कोई एक्स्ट्रा फीस नहीं देनी होती है. अक्सर ये चार्ज हाई एंड और प्रीमियम कार्ड पर लगता है, जिनमें कई तरह के फीचर दिए होते हैं. लेकिन, कभी-कभी सालाना चार्ज में छूट दी जाती है. अगर यह छूट लाइफटाइम है तो कार्ड लेने के पहले डबल चेक कर लें.
ब्याज दर की जांच करें
जब आप किसी खरीदारी के बाद क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते हैं तो आपके पास पैसे लौटाने के लिए कुछ दिन का समय होता है, जिसमें ब्याज नहीं लगता. लेकिन, अगर आप तय समय में बैंक को पेमेंट नहीं करते तो इस पर भारी ब्याज लगता है. यह ब्याज 30 फीसदी सालाना हो सकता है. ऐसे में कार्ड लेने से पहले चेक करें कि जो कार्ड आप ले रहे हैं उसमें ब्याज दर क्या है.
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पेनाल्टी का भी रखें ध्यान
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो लगने वाले जुर्माने और चार्ज पर चौंकिए मत. इन्हें समझने का प्रयास करना चाहिए.
- एटीएम से नकद निकालने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो इस पर भारी ब्याज देना पड़ेगा.
- लिमिट से ज्यादा खर्च करते हैं तो इस पर भी भारी चार्ज लगता है.
- अपनी देनदारियों पर न्यूनतम भुगतान नहीं करते हैं तो इस पर भी चार्ज चुकाना होगा.
- विदेश में अगर कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो विदेशी मुद्रा शुल्क (Forex) चार्ज लगाया जा सकता है.
- इन सभी पेनल्टी और चार्ज के बारे में अच्छे से जानकारी ले लें. ऐसे में जब कार्ड लें तो इन सभी बारीकियों पर आधा घंटा लगे चाहे 1 घंटा सब समझकर ही कार्ड चूज करें. क्योंकि, आधा घंटा लेट कार्ड लेना आपको बाद में होने वाली कई परेशानियों से बचाएगा.
08:20 PM IST