अब भीम UPI से भी चार्ज कर सकते हैं FASTag, जानें रिचार्ज करने का आसान तरीका
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने ग्राहकों को एनईटीसी फास्टैग को भीम यूपीआई (Bhim UPI) से रिचार्ज करने का विकल्प उपलब्ध कराया है.
फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन की एक तकनीक है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है.
फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन की एक तकनीक है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है.
15 दिसंबर से राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगे टोल प्लाजा पर फास्टैग (FASTag) का इस्तेमाल अनिवार्य हो गया है. फास्टैग शुरू होने से टोल नाकों पर लगने वाले लंबे जाम से तो मुक्ति मिली है, साथ ही सरकार की आमदनी में भी इजाफा हो रहा है. फास्टैग चार्ज करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने भीम ऐप से चार्जिंग सिस्टम शुरू किया है.
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने ग्राहकों को एनईटीसी फास्टैग को भीम यूपीआई (Bhim UPI) से रिचार्ज करने का विकल्प उपलब्ध कराया है.
एनपीसीआई ने कहा कि भीम यूपीआई आधारित मोबाइल ऐप के जरिये वाहन मालिक रास्ते में चलते-चलते भी अपने फास्टैग को रिचार्ज कर सकेंगे और उन्हें टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं होगी. नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (एनईटीसी) को भारतीय बाजार की इलेक्ट्रॉनिक टोल की जरूरत को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है.
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रोजाना 46 करोड़ की कमाई
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के मुताबिक, विभिन्न बिक्री केंद्रों (पीओएस) के जरिये अब तक करीब 1.10 करोड़ फास्टैग जारी किए गए हैं. राजमार्ग प्राधिकरण रोज करीब डेढ़ से दो लाख फास्टैग की बिक्री देख रहा है. फास्टैग की बिक्री और इस्तेमाल बढ़ने से रोजाना टोल प्लाजा पर टैक्स कलेक्शन करीब 46 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. फास्टैग व्यवस्था शुरू होने के आठ दिन के भीतर ही फास्टैग से रोजाना आधार पर टोल लेनदेन की संख्या करीब 24 लाख पर पहुंच गई है.
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एनएचएआई ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए 15 दिसंबर से देशभर के अपने 523 टोल प्लाजा पर रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन आधारित (RFID technology) फास्टैग से पथ कर संग्रह शुरू किया था.
Fastag के फायदे
फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन की एक तकनीक है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है. इस टैग को गाड़ी के सामने वाले शीशे (विंडस्क्रीन) पर लगाया जाता है. आपकी गाड़ी जैसे ही टोल नाके के पास आती है, तो पर लगा सेंसर आपकी गाड़ी के शीशे पर लगे फास्टैग को ट्रैक कर लेता है. इसके बाद आपके फास्टैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला टैक्स कट जाता है. इस तरह आप टोल प्लाजा पर रुके बिना ही टैक्स का भुगतान कर पाते हैं. वाहन में लगा यह टैग आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही अपना काम शुरू कर देगा. वहीं, जब आपके फास्टैग अकाउंट की राशि खत्म हो जाएगी, तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ेगा.
05:42 PM IST