Jana Gana Mana: आज ही के दिन जन गण मन को मिली थी भारत के राष्ट्रगान के रूप में मान्यता, जानिए इससे जुड़ी रोचक बातें
Jana Gana Mana: नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गये ‘जन गण मन’ को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया था. इसे 1911 में मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था.
Jana Gana Mana: आज ही के दिन जन गण मन को मिली थी भारत के राष्ट्रगान के रूप में मान्यता, जानिए इससे जुड़ी रोचक बातें
Jana Gana Mana: आज ही के दिन जन गण मन को मिली थी भारत के राष्ट्रगान के रूप में मान्यता, जानिए इससे जुड़ी रोचक बातें
Jana Gana Mana: भारत इस बार अपना 74 वां गणतंत्र दिवस (74th republic day) मनाने जा रहा है. इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था. 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था. भारत में स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के ही दिन तिरंगा फहराया जाता है. इस मौके पर राष्ट्रगान भी गाया जाता है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि संविधान सभा ने जन-गण-मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया था. इसे सबसे पहले 27 दिसंबर, 1911 को कलकत्ता (कोलकाता) में कांग्रेस के कार्यक्रम में गाया गया था. इसे नोबेल पुरस्कार विजेता और भारतीय साहित्यकार रवीन्द्रनाथ टैगोर ने सबसे पहले बंगाली में लिखा था.
राष्ट्रगान में कितने राज्यों के नाम हैं
भारत के राष्ट्रगान में मुख्य रूप से 7 राज्यों का उल्लेख किया गया है. पंजाब, सिंधु (वर्तमान में पाकिस्तान का एक राज्य), गुजरात, मराठा (महाराष्ट्र), द्राविड़ (दक्षिण भारत), उत्कल (वर्तमान में कलिंग) एवं बंग (बंगाल).
बांग्ला भाषा में लिखा गया था राष्ट्रगान
नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखे गये ‘जन गण मन’ को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया था. इसे 1911 में मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था. इसके हिंदी संस्करण को संविधान सभा ने भारत के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया था.
जन गण मन सर्वप्रथम कब और कहां आया गया था
इसे पहली बार 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता सत्र में गाया गया था. "जन गण मन" को आधिकारिक रूप से 24 जनवरी 1950 को भारतीय राष्ट्रगान के रूप में संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था.
राष्ट्रगान कितने मिनट का होता है?
राष्ट्र गान की कुल अवधि लगभग 52 सेकंड है. भारत-भाग्य-विधाता. जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे. संक्षिप्त संस्करण को चलाने की अवधि लगभग 20 सेकंड है.
राष्ट्रगान के नियम क्या है?
हमारे संविधान में राष्ट्रगान को लेकर ऐसा कोई नियम नहीं है, कि इस दौरान आपको खड़े रहना है. जन-गण-मन के दौरान इसे सम्मान देना जरूरी होता है, न कि खड़े रहना, लेकिन, 1986 में केरल में राष्ट्रगान को लेकर उठे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि राष्ट्रगान को उचित सम्मान देना जरूरी है.
राष्ट्रगान को लेकर मुख्य बातें
- भारत का राष्ट्रगान, 'जन गण मन', कवि और नाटककार रवींद्रनाथ टैगोर के लेखन से लिया गया है.
- भारत के राष्ट्रगान की पंक्तियां रवींद्रनाथ टैगोर के गीत भारत भाग्यो बिधाता से ली गई है.
- मूल गाना बंगाली में लिखा गया था और पूरे गाने में 5 छंद है. यह पहली बार 1905 में तत्वबोधिनी पत्रिका के एक अंक में प्रकाशित हुआ था.
- इस गीत को सार्वजनिक रूप से पहली बार 27 दिसंबर, 1911 में कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था और टैगोर ने इस खुद गाया था.
- टैगोर ने अपनी बंगाली गीत की एक अंग्रेजी व्याख्या 28 फरवरी, 1919 को लिखी, और इसका शीर्षक ' द मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया रखा.
- पूरे गाने की धीमी धुन और इसके राग अलहैया बिलावल का श्रेय रवींद्रनाथ को ही दिया गया है. गाने की एक और सुरीली धुन, जर्मन में हैम्बर्ग रेडियो सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा ने 1942 में बजाई थी.
- भारत के संविधान ने 24 जनवरी, 1950 ( भारत क 26 वें गणतंत्र दिवस के पहले) को टैगोर के ' भारतो भाग्यो बिधाता' के पहले श्लोक को आधिकारिक रूप से राष्ट्रगान घोषित किया गया.
- सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रगान चुनने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने हिंदी और उर्दू शब्दों का इस्तेमाल करते हुए टैगोर के मूल गीत का दूसरा संस्करण बनाया, जिसे शुभ चैन का नाम दिया गया.
- कलाकार मकबूल फिदा हुसैन ने राष्ट्रगान के ' भारत भाग्य विधाता' शब्दों से प्रेरित एक बड़ी पेंटिंग बनाई थी.
- कानून के मुताबिक राष्ट्रगान गाने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता.
- राष्ट्रगान के नियमों का पालन नहीं करने व राष्ट्रगान का अपमान करने वाले व्यक्ति के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट-1971 की धारा-3 के तहत कार्रवाई की जाती हैं.
- राष्ट्रगान से जुड़ी एक खास बात ये भी है कि उसके बोल और धुन खुद रवींद्रनाथ टैगोर ने आंध्र प्रदेश के मदनपल्ली में तैयार किए थे.
- अगर कोई राष्ट्रगान के नियमों का पालन नहीं करता है और इसका अपमान करता है, तो उसके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 की धारा 3 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
10:30 AM IST