कम जोखिम के साथ चाहिए बेहतर रिटर्न! गिल्ट फंड्स हैं ना
आप कम जोखिम में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, लेकिन बैंक FD में निवेश नहीं करना चाहते, ऐसे में गिल्ड फंड्स आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प साबित होंगे.
गिल्ट फंड्स में निवेश करने के बाद निवेशकों को किसी तरह का क्रेडिट रिस्क नहीं होता है, क्योंकि इन सिक्युरिटीज की गारंटी सरकार देती है.
गिल्ट फंड्स में निवेश करने के बाद निवेशकों को किसी तरह का क्रेडिट रिस्क नहीं होता है, क्योंकि इन सिक्युरिटीज की गारंटी सरकार देती है.
आप कम जोखिम में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, लेकिन बैंक फिक्सड डिपॉजिट (FD) में निवेश नहीं करना चाहते, ऐसे में गिल्ड फंड्स (Gilt Funds) आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प साबित होंगे. गिल्ट फंड्स बहुत कम जोखिम में आपको अच्छा मुनाफा दे सकते हैं.
PersonalFinancePlan.in के इन्वेस्टमेंट एडवायजर दीपेश राघव के मुताबिक, Gilt Funds ऐसी म्यूचुअल फंड्स होते हैं, सरकारी सिक्युरिटीज में निवेश करते हैं. गिल्ट फंड्स में निवेश करने के बाद निवेशकों को किसी तरह का क्रेडिट रिस्क नहीं होता है, क्योंकि इन सिक्युरिटीज की गारंटी सरकार देती है.
गिल्ट फंड्स-
गिल्ट फंड्स एक डेट म्यूचुअल फंड स्कीम है.
गिल्ट फंड्स का गर्वनमेंट सिक्योरिटीज में निवेश होता है.
गिल्ट फंड्स में निवेश करने के बाद क्रेडिट रिस्क कम हो जाता है.
सिक्योरिटीज की गारंटी केंद्र सरकार देती है.
छोटी अवधि, लंबी अवधि के सिक्योरिटी पेपर में निवेश करें.
सरकारी सिक्टोरिटीज-
जरूरत पड़ने पर RBI के जरिए सरकार लोन लेती है.
लोन के बदले RBI सरकारी सिक्योरिटीज जारी करता है.
सरकारी सिक्योरिटीज निश्चित समय के लिए जारी की जाती हैं.
कम जोखिम के लिए निवेशक गिल्ट फंड्स में निवेश करते हैं.
फंड का रिटर्न मिलने वाली ब्याज दरों पर करता है निर्भर
ब्याज दरों में गिरावट निवेश के लिए अच्छा समय
क्रेडिट रिस्क फ्री-
गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में कोई क्रेडिट रिस्क नहीं होता है.
भारत सरकार कर्ज लेने वाला संस्थान है.
कॉरपोरेट की तरह सरकार डिफॉल्ट नहीं करती है.
ऐसे में इनमें कोई क्रेडिट रिस्क नहीं होता है.
फायदा या नुकसान-
सिर्फ सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश के कारण जोखिम कम होता है.
इन फंड्स में निवेश से ब्याज दरों से संबंधित जोखिम होता है.
गिल्ट फंड्स में मिड से लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया जाता है.
निवेशक को अच्छा रिटर्न मिलता है, फंड का रिटर्न ब्याज पर निर्भर होता है.
ब्याज दरों में बदलाव का असर सिक्योरिटीज की कीमतों पर पड़ता है.
ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव तो सिक्योरिटीज की कीमतें भी बदलती हैं.
एक निश्चित अवधि के निवेश से ही लाभ मिलता है.
किनके लिए हैं गिल्ट फंड्स
गिल्ट फंड्स में कोई भी निवेश कर सकता है. जो निवेशक क्रेडिट रिस्क नहीं उठाना चाहते वे 3 से 5 साल के लिए निवेश कर सकते हैं.
जो निवेशक सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करना चाहते हैं, वे गिल्ट फंड्स में निवेश कर सकते हैं.
गिल्ट फंड्स Vs इक्विटी म्यूचुअल फंड्स
इक्विटी फंड के मुकाबले गिल्ट फंड्स में बेहतर असेट क्वालिटी होती है. इक्विटी म्यूचुअल फंड के मुकाबले गिल्ट फंड में कम रिटर्न मिलता है. लेकिन इक्विटी फंड्स के मुकाबले गिल्ट फंड्स में कम रिस्क होता है.
गिल्ट फंड और टारगेट
गिल्ट फंड्स की मैच्योरिटी मध्य से लेकर लंबी अवधि पर होती है. गिल्ट फंड्स की औसत मैच्योरिटी अवधि 3 से 5 साल की होती है. 3 से 5 साल के लिए निवेश करना है तो गिल्ट फंड बेहतर होता है. नॉन-इक्विटी में निवेश के लिए गिल्ट फंड्स अच्छा विकल्प है.
07:10 PM IST