इस कैफे में काम करते हैं मूक-बधिर युवा, PM मोदी की इस योजना से मिला रोजगार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की थी. आज इस योजना से हजारों लोगों ने अपना खुद का स्वरोजगार शुरू किया है.
रायपुर के इरफान ने एक ऐसा कैफे शुरू किया है जिसमें खाना बनाने से लेकर वेटर तक मूक-बधिर युवा हैं (फोटो- Zeebiz)
रायपुर के इरफान ने एक ऐसा कैफे शुरू किया है जिसमें खाना बनाने से लेकर वेटर तक मूक-बधिर युवा हैं (फोटो- Zeebiz)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की थी. आज इस योजना से हजारों लोगों ने अपना खुद का स्वरोजगार शुरू किया है और लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है. स्टार्टअप इंडिया से प्रेरित होकर रायपुर के कॉमर्स ग्रेजुएट एक नौजवान ने खुद को स्वलंबी बनाने के साथ दिव्यांग (डीफ एंड डंब) युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के मकसद से एक कैफे की शुरूआत की. तीन साल पहले शुरू किए गए कैफे में आज 14 दिव्यांग युवा काम करते हैं.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले इरफान ने स्टार्टअप इंडिया के बारे में सुना और इसकी जानकारी जुटाई. इरफान को पता चला कि स्टार्टअप से जुड़कर वह दूसरे की नौकरी करने की बजाए खुद का स्वरोजगार शुरू कर मिसाल बन सकते हैं. इरफान ने अपनी जमा पूंजी से एक 'टपरी' नाम से कैफे खोला. इस कैफे की खास बात ये है कि इसमें इरफान ने सिर्फ सुनने और बोलने में असक्षम युवाओं को जोड़ा. नए विचार के साथ शुरू किए गए कैफे में सिर्फ दिव्यांग युवा ही काम करते हैं और ये नौजवान एक एक्सपर्ट की तरह ग्राहक से साइन लैंग्वेज (सांकेतिक भाषा) में बात करते हैं. इरफान ने ऐसे नौजवानों को स्किल्ड करने के लिए पहले खुद यूट्यूब से साइन लैंग्वेज सीखी और दिव्यांग युवाओं को प्रशिक्षण दिया.
'टपरी' की चर्चा चारो ओर
आज इरफान के इस अनूठे स्टार्टअप की चर्चा चारों ओर है. उसके इस अनूठे कैफे में ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. साथ ही दिव्यांग नौजवानों को भी उसने उम्मीद की एक किरण दिखाई है. इरफान बताते हैं कि दिव्यांग लोगों में सामान्य लोगों से ज्यादा टैलेंट होता है. उन्होंने बताया ऐसे लोगों के साथ काम करके उन्हें हमेशा एक नया अनुभव मिलता है.
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यहां ग्राहक अपने खाने का ऑर्डर बोलकर नहीं, लिखकर देते हैं. यहां सभी लोग जूते-चप्पल उतारकर खाना खाते हैं और खाना कुर्सी पर बैठकर नहीं बल्कि, आराम से पैर मोड़कर बैठकर खाना खाते हैं.
टपरी यानी मनोरंजन का फुल अड्डा
इरफान ने बताया कि दुनिया की नजर में स्पेशल लोग भले ही डिसएबल हों, लेकिन ये होता बहुत एबल (सक्षम) हैं. समाज का दस्तूर है कि ऐसे लोगों की शादी भी उन्हीं की तरह स्पेशल एबिलिटी वाले लोगों से ही होती है. इनका अपना परिवार होता है, लेकिन इनके लिए रोजगार के संसाधन कम होने के कारण इन्हें परिवार चलाने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसलिए इरफान ने ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराने का फैसला किया.
'टपरी' एक ऐसी जगह है जहां लोग अपने परिवार के साथ आते हैं और खाने-पीने के साथ पूरा मनोरंजन करते हैं. यहां वे बैठकर शतरंज, कैरम और लूडो खेल सकते हैं. गाना-बजाना कर सकते हैं. टफरी में आए दिन छात्र-छात्राओं के ग्रुप आते हैं और कई-कई घंटे बैठकर अपना मनोरंजन करते हैं.
05:59 PM IST