15 अगस्त, 2023 तक 75 स्वदेशी वंदे भारत ट्रेनें हो जाएंगी तैयार, अश्विनी वैष्णव ने बताया; इनमें होंगी ये सुविधाएं
Vande Bharat Trains: चेन्नई में अश्विनी वैष्णव ने 12,000वें लिंके हॉफमैन बुश कोच को झंडी दिखाकर रवाना किया. साथ ही वंदे भारत ट्रेनों के लिए कोचों के निर्माण की जांच की.
अब तक सिर्फ बैठने की व्यवस्था वाली 102 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई गई हैं. (फाइल फोटो: पीटीआई)
अब तक सिर्फ बैठने की व्यवस्था वाली 102 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई गई हैं. (फाइल फोटो: पीटीआई)
Vande Bharat Trains: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि, वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण फास्ट ट्रैक पर है. वहीं 15 अगस्त 2023 तक ये 75 ट्रेनें चेन्नई, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बनकर तैयार हो जाएंगी. अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई में स्वदेशी वंदे भारत ट्रेनों के प्रोडक्शन का निरीक्षण किया. अपने दौरे के दौरान रेल मंत्री ने कर्मचारियों के साथ बातचीत की और उन्हें उनके काम के लिए प्रेरित किया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, वंदे भारत का निर्माण आईसीएफ चेन्नई में फास्ट ट्रैक पर है.
Vande Bharat manufacturing on fast track at ICF Chennai. pic.twitter.com/goBhEMUqZZ
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) May 20, 2022
चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के अपने दौरे के दौरान,अश्विनी वैष्णव ने 12,000वें लिंके हॉफमैन बुश कोच को झंडी दिखाकर रवाना किया. साथ ही वंदे भारत ट्रेनों के लिए कोचों के निर्माण की जांच की. वो आज (20 मई 2022) चेन्नई में वंदे भारत के ट्रेनों के डिब्बों के निर्माण का जायजा लेने के लिए फैक्ट्री पहुंचे थे, जहां उन्होंने इन ट्रेनों की प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अगले साल तक और ट्रेनों के प्रोडक्शन के बारे में भी बड़ी घोषणाएं कीं.
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75 और ट्रेनों का प्रोडक्शन
उन्होंने कहा कि, इनमें से 75 और ट्रेनों का प्रोडक्शन किया जाना है. ये नई ट्रेनें पुराने मॉडलों की तुलना में बेहतर एडवांस वर्जन होंगी. जिनका प्रोडक्शन 15 अगस्त, 2023 से पहले किया जाना है. भारतीय रेलवे ने भारत की पहली स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन, वंदे भारत पूरी तरह से इन-हाउस डिजाइन की गई है. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) चेन्नई, रेलवे उत्पादन इकाई में कंप्यूटर मॉडलिंग और काम करने के पीछे की ताकत रही है.
इन सुविधाओं से होंगी लैस
बजट प्रावधान के अनुसार, 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन पर 120 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. ट्रेनों के इस नए वर्जन में वंदे भारत ट्रेनें हल्की, अधिक ऊर्जा-कुशल होंगी और इनमें ज्यादा एडवांस और यात्री सुविधाएं होंगी. अब तक सिर्फ बैठने की व्यवस्था वाली 102 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई गई हैं. ट्रेन के इस मौजूदा इंटरेक्शन में रात भर लंबी दूरी की यात्रा की सुविधा के लिए एक स्लीपर कोच होगा. नई ट्रेनों में एसी-1, एसी-2 और एसी-3 कोच के साथ 3 क्लासेस होंगी. अभी की वंदे भारत ट्रेनों में केवल चेयर कार सीटिंग प्रारूप है.
आधुनिक तकनीक का लाभ उठाने के लिए, हल्की बोगियों, ट्रांसफार्मरों और मोटरों के साथ-साथ दूसरी चीजों के लिए स्पेसिफिकेशन तैयार किए जा रहे हैं. रेलवे के अनुसार 15 अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन देश में कर लिया जायेगा. देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली से कानपुर में हरी झंडी दिखाकर इलाहाबाद-वाराणसी रूट पर रवाना किया गया था.
09:21 PM IST