AIRF के महामंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात कर न्यूनतम वेतन और पुरानी पेंशन स्कीम की मांग की
7 वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन को बढ़ाए जाने व पुरानी पेंशन बहाल किए जाने समेत कई अन्य मांगों को लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की.
न्यूनतम वेतन व पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को ले कर केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की (फाइल फोटो)
न्यूनतम वेतन व पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को ले कर केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की (फाइल फोटो)
7 वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन को बढ़ाए जाने व पुरानी पेंशन बहाल किए जाने समेत कई अन्य मांगों को लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इस मौके पर उन्होंने बताया कि केंद्रीय कर्मियों की बातों पर ध्यान नहीं दिए जाने से रेल कर्मियों में बहुत नाराजगी है. महामंत्री ने उन्हें याद दिलाया कि जुलाई 16 में जब एनजेसीए ने प्रस्तावित हडताल स्थगित की थी, उस समय गृहमंत्री की अगुवाई में सरकार ने केंद्रीय कर्मियों से कई वायदे किए थे. लेकिन उनमें से कोई मांग पूरी नहीं हुई है. ऐसे में रेल कर्मचारियों को आर पार की लड़ाई के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को नाराज नहीं रहने देंगे
गृहमंत्री ने भरोसा दिलाया कि हम कर्मचारियों को नाराज नहीं रहने देंगे. देश भर के रेलकर्मचारियों ने एआईआरएफ के आह्वान पर 4 अक्टूरबर को "काला दिवस" मनाया. काला दिवस का मुख्य मुद्दा था लारजेस. एआईआरएफ ने लारजेस स्कीम की शुरुआत के लिए काफी संघर्ष किया और सही मायने में इस स्कीम से रेलवे को ही फायदा हो रहा है, फिर भी इस स्कीम को खत्म करने की साजिश की जा रही है. यहां तक की रेलवे बोर्ड ने 26 सितंबर 18 को लारजेस स्कीम को समाप्त करने का फरमान ही जारी कर दिया. खबर मिलते ही आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने इस मामले में रेलवे बोर्ड चेयरमैन से बात की औऱ कहा कि ये स्कीम काफी प्रयासों और संघर्ष के बाद एआईआरएफ ने हासिल की है, इसे इस तरह अचानक खत्म किया जाना ठीक नहीं है. महामंत्री के विरोध के बाद बोर्ड चेयरमैन ने 24 घंटे के भीतर एक संशोधित आदेश जारी कर अपने 26 सितंबर 18 वाले आदेश को रद्द कर दिया, लेकिन उन्होंने लारजेस स्कीम तहत तैनाती की शुरुआत नहीं की, बल्कि इस मामले को होल्ड ( स्थगित ) कर दिया. रेलवे बोर्ड के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ एआईआरएफ ने 4 अक्टूबर को देश भर में " काला दिवस " मनाने का ऐलान किया था और सभी कर्मचारियों से कहा गया था कि वो अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांध कर काम करें.
वर्क टू रूल पर जाएंगे रेल कर्मी
ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा गृहमंत्री से वार्ता के दौरान कहा कि पुरानी पेंशन को बहाल किए जाने को लेकर अब रेलकर्मचारी ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि आमतौर पर सरकारें कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करते हुए उन्हें नई नई सुविधाएं देती रही हैं, लेकिन पहली बार देखा जा रहा है कि रेल कर्मचारियों को जो सुविधाएं पहले से हासिल है, उन्हें एक साजिश के तहत बंद किया जा रहा है. सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति हमें कत्तई मंजूर नहीं है. महामंत्री ने रनिंग स्टाफ के एलाउंस के बारे में गृहमंत्री को बताया कि आखिर क्या वजह है कि हर बात तय हो जाने के बावजूद रेलमंत्री के यहां फाइल रुकी हुई है. महामंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से कहा कि उन्होंने भरोसा दिया था कि जल्दी ही वो वित्तमंत्री के साथ बैठक कराने के साथ ही रेल कर्मचारियों की मांगो को पूरा कराने की कोशिश करेंगे. महामंत्री ने कहाकि रेलकर्मी नाराज है, वो सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं. उन्होंने बताया कि एआईआरएफ ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन को नोटिस दे दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर हमारी सभी मांगो पर सहानिभूति पूर्वक विचार कर उसे पूरा नहीं किया जाता है तो हम "वर्क टू रूल" पर चले जाएंगे.
03:15 PM IST