Exclusive : 7th Pay Commission : ड्रेस एलाउंस की मांग के साथ अधिकारियों को घेरेंगे कर्मचारी
7th Pay Commission के तहत घोषित रेल कर्मियों के ड्रेस एलाउंस अब तक न मिलने से रेल कर्मियों में गुस्सा है. शनिवार को नॉदर्न रेलवे मेन्यू यूनियन के दिल्ली मंडल की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में यह मुद्दा जोर-शोर से उठा.
कर्मचारियों ने अपनी मांगों को ले कर बनाई आंदोलन की रणनीति (फाइल फोटो)
कर्मचारियों ने अपनी मांगों को ले कर बनाई आंदोलन की रणनीति (फाइल फोटो)
7th Pay Commission के तहत घोषित रेल कर्मियों के ड्रेस एलाउंस अब तक न मिलने से रेल कर्मियों में रोष है. शनिवार को नॉदर्न रेलवे मेन्यू यूनियन के दिल्ली मंडल की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में यह मुद्दा जोर- शोर से उठा. बैठक में बताया गया कि 7th Pay Commission ने कर्मचारियों को बढ़ा वेतन भत्ता दिए जाने की घोषणा की थी. इस पर मंडल रेल प्रबंधक तक ने आदेश कर दिए थे. लेकिन अब तक यह भत्ता रेल कर्मियों को नहीं मिल सकता है. इसको ले कर रेल कर्मियों में काफी गुस्सा है. इस मुद्दे पर रेल कर्मियों ने आने वाले दिनों में आंदोलन करने की घोषणा की.
रेल कर्मी करेंगे अधिकारियों का घिराव
नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन के दिल्ली मंडल के सचिव अनूप शर्मा ने बताया कि 7th Pay Commission की सिफारिश के तहत सामान्य रेल कर्मियों को 5000 और ट्रैफिक या रेल गाड़ियों के परिचालन से संबंधित काम करने वाले रेल कर्मियों को 10000 रुपये ड्रेस एलाउंस के तौर पर दिए जाने के आदेश हैं. लेकिन रेल कर्मियों को न तो 2017 का ड्रेस एलाउंस मिला है और न ही 2018 का. जाने किन कारणों से कर्मचारियों को उनका यह हक नहीं दिया जा रहा है. बैठक में स्टेंडिंग कमेटी ने निर्णय लिया है कि रेल कर्मियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए 26 नवम्बर को दिल्ली मंडल के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी का घिराव कर अपनी मांगों को उनके सामने रखा जाएगा.
रेल कर्मी करेंगे अधिकारियों का घिराव
नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन के दिल्ली मंडल के सचिव अनूप शर्मा ने बताया कि 7th Pay Commission की सिफारिश के तहत सामान्य रेल कर्मियों को 5000 और ट्रैफिक या रेल गाड़ियों के परिचालन से संबंधित काम करने वाले रेल कर्मियों को 10000 रुपये ड्रेस एलाउंस के तौर पर दिए जाने के आदेश हैं. लेकिन रेल कर्मियों को न तो 2017 का ड्रेस एलाउंस मिला है और न ही 2018 का. जाने किन कारणों से कर्मचारियों को उनका यह हक नहीं दिया जा रहा है. बैठक में स्टेंडिंग कमेटी ने निर्णय लिया है कि रेल कर्मियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए 26 नवम्बर को दिल्ली मंडल के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी का घिराव कर अपनी मांगों को उनके सामने रखा जाएगा.
बैठक में आंदोलन की रणनीति पर भी हुई चर्चा
रेल कर्मियों की बैठक में 7th Pay Commission के तहत वेतन भत्त दिए जाने, पुरानी पेंशन स्कीम व अपनी 47 सूत्रीय मांगों को ले कर रेल कर्मचारियों ने आंदोलन की रणनीति पर भी चर्चा की गई. इस बैठक में तय किया गया कि 26 नवम्बर से शुरू हो रहे आंदोलन के लिए बड़े पैमान पर रेल कर्मियों को जागरूक किया जाएगा. रणनीति के तहत 26 से 30 नवम्बर तक पूरे उत्तर रेलवे में जम्मू से ले कर वाराणसी तक धरना- प्रदर्शन व रैली सभाओं का आयोजन कर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के माध्यम से रेल कर्मियों को मांगों के प्रति जागरूक करने के साथ ही 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने को कहा जाएगा. इसके बाद 03 दिसम्बर को नार्दन रेलवे की सभी शाखाओं पर प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा और लोगों को रेल कर्मियों की मांगों पर प्रशासन की अब तक की प्रतिक्रिया के बारे में बताया जाएगा.
11 दिसम्बर से लागू होगा वर्क टू रूल
इस आंदोलने के तहत रेल कर्मियों ने 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने की घोषणा की है. नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन के दिल्ली मंडल के सचिव अनूप शर्मा ने बताया कि इस वार्षिक सम्मेलन में वर्किंग कमेटी ने अंतिम तौर पर वर्क टू रूल क तहत काम करने का निर्णय ले लिया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में पहले ही प्रशासन को नोटिस दिया जा चुका है. उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, न्यूनतम वेतन में वृद्धि व पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांगों को प्रमुखता से रखा गया. उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही रेलवे कर्मचारियों की इन समस्याओं का समाधान सरकार की ओर से नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
ये हैं रेल कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
> रनिंग कर्मचारियों के रनिंग एलाउंस व अन्य भत्तों को 7 वें सेतन आयोग के तहत दिया जाए. वहीं अब तक के भत्तों का एरियर जल्द से जल्द दिया जाए.
रेल कर्मियों की बैठक में 7th Pay Commission के तहत वेतन भत्त दिए जाने, पुरानी पेंशन स्कीम व अपनी 47 सूत्रीय मांगों को ले कर रेल कर्मचारियों ने आंदोलन की रणनीति पर भी चर्चा की गई. इस बैठक में तय किया गया कि 26 नवम्बर से शुरू हो रहे आंदोलन के लिए बड़े पैमान पर रेल कर्मियों को जागरूक किया जाएगा. रणनीति के तहत 26 से 30 नवम्बर तक पूरे उत्तर रेलवे में जम्मू से ले कर वाराणसी तक धरना- प्रदर्शन व रैली सभाओं का आयोजन कर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के माध्यम से रेल कर्मियों को मांगों के प्रति जागरूक करने के साथ ही 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने को कहा जाएगा. इसके बाद 03 दिसम्बर को नार्दन रेलवे की सभी शाखाओं पर प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा और लोगों को रेल कर्मियों की मांगों पर प्रशासन की अब तक की प्रतिक्रिया के बारे में बताया जाएगा.
11 दिसम्बर से लागू होगा वर्क टू रूल
इस आंदोलने के तहत रेल कर्मियों ने 11 दिसम्बर से वर्क टू रूल के तहत काम करने की घोषणा की है. नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन के दिल्ली मंडल के सचिव अनूप शर्मा ने बताया कि इस वार्षिक सम्मेलन में वर्किंग कमेटी ने अंतिम तौर पर वर्क टू रूल क तहत काम करने का निर्णय ले लिया है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में पहले ही प्रशासन को नोटिस दिया जा चुका है. उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, न्यूनतम वेतन में वृद्धि व पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांगों को प्रमुखता से रखा गया. उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही रेलवे कर्मचारियों की इन समस्याओं का समाधान सरकार की ओर से नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
ये हैं रेल कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
> रनिंग कर्मचारियों के रनिंग एलाउंस व अन्य भत्तों को 7 वें सेतन आयोग के तहत दिया जाए. वहीं अब तक के भत्तों का एरियर जल्द से जल्द दिया जाए.
> गुड्स गार्ड, सहायक लोको पायलट, लोको पायलट व गार्ड को अतिरिक्त भत्ते देते हुए उनके वेतनमान में सुधार किया जाए. साथ ही रेलवे गार्ड के पदनाम में जल्द से जल्द परिवर्तन किया जाए.
> तकनीशियन ग्रेड 2 को तकनीशियन ग्रेड 1 के साथ समाहित कर उच्च वेतनमान दिया जाए. ग्रुप सी के शीर्ष कर्मचारियों को ग्रुप बी का दर्जा दिया जाए. 4600 ग्रेड पे वाले कर्मियों के वेतन में सुधार कर उन्हें 4800 ग्रेड पे दिया जाए.
> जिन श्रेणियों में कैडर रीस्ट्रैचर नहीं हुए हैं उनमें जल्द से जल्द कैडर की रीस्ट्रक्चरिंग की जाए.
> रेलवे कॉलोनियों की दुर्दशा को जल्द ठीक किया जाए.
> तकनीशियन ग्रेड 2 को तकनीशियन ग्रेड 1 के साथ समाहित कर उच्च वेतनमान दिया जाए. ग्रुप सी के शीर्ष कर्मचारियों को ग्रुप बी का दर्जा दिया जाए. 4600 ग्रेड पे वाले कर्मियों के वेतन में सुधार कर उन्हें 4800 ग्रेड पे दिया जाए.
> जिन श्रेणियों में कैडर रीस्ट्रैचर नहीं हुए हैं उनमें जल्द से जल्द कैडर की रीस्ट्रक्चरिंग की जाए.
> रेलवे कॉलोनियों की दुर्दशा को जल्द ठीक किया जाए.
Written By:
विवेक तिवारी
Updated: Sun, Nov 25, 2018
09:32 AM IST
09:32 AM IST
नई दिल्ली
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