UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में अब चौथे फेज के चुनाव पर सबकी नजर, 60 सीटों पर 23 फरवरी को होगी वोटिंग
UP Election 2022: तीसरे फेज का चुनाव खत्म होने के बाद अब चौथा फेज शुरू होने वाला है. इस रण में अयोध्या समेत अवध की कुछ सीटें बेहद अहम मानी जा रहीं है, जहां से कई दिग्गज मैदान में है. चौथे चरण में 9 जिलों की 60 सीटों पर 23 फरवरी को मतदान होना है.
इस चरण में कुल 624 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. (फोटो: पीटीआई)
इस चरण में कुल 624 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. (फोटो: पीटीआई)
UP Election 2022: राजनीति में पुरानी कहावत है कि दिल्ली का रास्ता यूपी होते हुए जाता है, इसलिए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों पर पूरे देश की नजर है. इस चुनाव परिणाम का असर अगले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा. राज्य में बीजेपी जहां अपनी सत्ता बरकरार रखना चाहती है, वहीं अखिलेश यादव भाजपा को टक्कर दे रहे हैं. उधर कांग्रेस, बीएसपी और दूसरे दलों ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. यूपी में आज (रविवार) तीसरे फेज का चुनाव संपन्न हो गया. अब सबकी निगाहें चौथे फेज पर है, जब 23 फरवरी को 60 सीटों पर वोटिंग होगी.
अब चौथे फेज की तैयारी
उत्तर प्रदेश में तीसरे फेज का चुनाव खत्म होने के बाद अब चौथा फेज शुरू होने वाला है. इस रण में अयोध्या समेत अवध की कुछ सीटें बेहद अहम मानी जा रहीं है, जहां से कई दिग्गज मैदान में है. चौथे चरण में 9 जिलों की 60 सीटों पर 23 फरवरी को मतदान होना है.
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इस चरण में कुल 624 उम्मीदवार मैदान में हैं. सभी राजनीतिक दल और जनता चौथे चरण की वोटिंग के लिए तैयारियां कर रही हैं. इसमें लखनऊ सहित 9 जिलों में 23 फरवरी को वोटिंग होगी. पिछले चुनाव में बीजेपी ने इस इलाके से बड़ी बाजी मारी थी. चौथे चरण के मतदान में उम्मीदवारों के साथ-साथ केंद्र सरकार के कई मंत्रियों की भी परीक्षा होगी.
केंद्र के 4 मंत्रियों के इलाके में चुनाव
इस चरण में जिन जिलो में वोट डाले जा रहे हैं, वहां से मोदी सरकार के चार मंत्री आते हैं. सबसे कद्दावर नेता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं, जिनका संसदीय क्षेत्र लखनऊ है. दूसरा नाम है महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी का, जिनका संसदीय क्षेत्र अमेठी है. इसके अलावा वरिष्ठ नेता और मोहनलालगंज के एमपी कौशल किशोर और लखीमपुर से सांसद और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इलाके में भी मतदान होगा. इन चारों के इलाकों में विधानसभा की 21 सीटें हैं. इसलिए ये इनके लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं.
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बीएसपी फैक्टर भी कमजोर नहीं
इस बार के विधानसभा चुनाव में जुबानी जंग भले ही सबसे ज्यादा अखिलेश और बीजेपी में छिड़ी हो, लेकिन चौथे फेज में बीएसपी फैक्टर को कमजोर नहीं आंका जा सकता. क्योंकि अवध के इलाके में बीएसपी का एक बड़ा वोट बैंक है. बीएसपी के वोटर को इस बार साइलेंट माना जा रहा है. बीजेपी ने इसकी शुरूआत अपने लकी चार्म राम मंदिर के साथ की है.
चुनाव कहीं भी हों राम मंदिर भारतीय राजनीति का सदाबहार मुद्दा है. वहीं जब चुनाव अवध का हो तो इस मुद्दे का शोर और भी बुलंद हो जाता है. इस बार तो प्रदेश में भव्य राम मंदिर बनने की शुरूआत भी कर दी गई है. अवध में चुनाव के साथ ही भाजपा ने राम नाम का नारा तेज कर दिया है.
अवध के रास्ते लखनऊ का रास्ता
यूपी (UP) में केवल अवध प्रांत में कुल 21 जिले हैं, जिसके अंदर 118 सीटें आती हैं. इन सीटों के लिए राजनीतिक दल खासी मशक्कत कर रहे हैं. इन सीटों पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर बीजेपी को पछाड़ कर आगे निकलने की चुनौती है. यहीं वो दो चरण हैं जिनमें भाजपा ने पिछले चुनाव में रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी. भाजपा को इन दोनों चरणों में 99 सीटें मिली थीं.
पिछले दो विधानसभा चुनावों के परिणाम देखने पर पता चलता है कि यहां के चुनाव में हवा के रुख का काफी असर रहता है. खास बात ये है कि अवध इलाके में जिस पार्टी की जीत होती है प्रदेश में उसी की सरकार बन जाती है.
10:24 AM IST